खूंटी में मंत्री ने ग्रामीणों से किया संवाद, लोगों से सरकारी योजना का लाभ लेने की अपील
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खूंटी में मंत्री ने ग्रामीणों से किया संवाद, लोगों से सरकारी योजना का लाभ लेने की अपील

प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर शौचायल तक नहीं लेने वाले ग्रामीणों से सरकार ने सीधा संवाद किया. इसी क्रम में खूंटी जिला में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम स्वाबलंबन योजना और जोहार योजना की ऑनलाइन शुरुआत की गई.

ग्रामीण विकास मंत्री ने ग्रामीणों से की बात.

खूंटी : झारखंड के खूंटी जिला को पत्थलगड़ी मुक्त और अफीम मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह कृतसंकल्पित है. ग्रामीण विकास मंत्री के साथ-साथ सचिव रैंक के अधिकारी और सीआईएमएपी के प्रतिनिधि एक साथ जिले के विकास को लेकर सखी मंडल और किसानों के साथ सीधा संवाद किए. मंत्री ने ग्रामीणों को भड़काने वालों से बचने की अपील की. साथ ही कहा कि कोई भी ग्रामीणों की जमीन नहीं छीन सकता है. 

प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर शौचायल तक नहीं लेने वाले ग्रामीणों से सरकार ने सीधा संवाद किया. इसी क्रम में खूंटी जिला में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम स्वाबलंबन योजना और जोहार योजना की ऑनलाइन शुरुआत ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, प्रधान सचिव अविनाश कुमार, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी और उपायुक्त सूरज कुमार, जोहर परियोजना के निदेशक बिपिन बिहारी ने की. जिला में अलग-अलग कृषि आधारित योजनाओं को धरातल पर उतरने के लिए एकजुट नजर आए.

खूंटी जिला राज्य का पहला जिला है, जहां दीनदयाल ग्राम स्वाबलंबन योजना की शुरुआत की गई. इस योजना के तहत ग्रामसभा को सशक्त बनाया जाएगा. गांव में एक साथ कृषि आधारित योजनाओं की शुरुआत की जाएगी, ताकि पत्थलगड़ी और अफीम की खेती को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके. ग्रामीण विकास के प्रधान सचिव ने भी सराकर की योजनाओं को लेकर आत्मनिर्भर बनाने की अपील की और कहा कि अपना हक मांगने के लिए बीडीओ, सीओ और मुखिया से मदद लें. किसी के बहकावे में नहीं आए.

जोहार योजना की चर्चा करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि सखी मंडलों की बहनों के सहयोग से राज्य के 68 प्रखंडों ग्रामीणों के आय में वृद्धि हेतु कई योजनाएं संचालित हैं. किसान के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए 276 लिफ्ट एरिगेशन योजनाएं क्रियान्वित हैं. ग्रामीण विकास विभाग के तहत किसानों की आय चौगुनी करने के लिए खूंटी जिले में 4,500 सखी मंडलों को गठन किया गया है.

ग्रामीणों का सरकार और योजनाओं का बहिष्कार के बाद पहली बार सरकार ने ग्रामीणों से संवाद किया. सीधे ग्रामीणों से सरकार ने कहा कि कोई भी उनकी जमीन नहीं छीन सकता है. अब देखना होगा कि सरकार के संवाद के बाद क्या ग्रामीण सरकारी योजनाओं का बहिष्कार करते हैं या फिर योजनाओं का लाभ लेते हैं.