Flood in Bihar: बिहार में हो रही झमाझम बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से तो राहत मिल गई है लेकिन अब नदियां अपना भयावह रूप दिखाने लगी है. नेपाल के तराई क्षेत्र में भारी बारिश होने के बाद सहरसा में कोसी नदी अपने पूरे उफान पर है. कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र के पूर्वी कोसी तटबन्ध के भीतर बसे कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. 


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आलम यह है कि लोगों के घर -घर में पानी प्रवेश कर गया है. ऐसे में लोगों के घर के चूल्हे तक डूब चुके हैं. लोगों के सामने खाने पीने की भारी समस्या उत्पन्न हो गई है. कई एकड़ में लगी फसलें डूब चुकी है, माल मवेशियों के लिए चारे की किल्लत हो गई है. जिन लोगों के पास निजी नाव है वो अपने घर से बाहर निकलकर जरूरत का सामान जुटा रहे हैं और जिनके पास नाव नहीं है वो अपने ही घर में जल कैदी बने हुए हैं. 


लोगों का कहना है कि अचानक से कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से पूरा गांव जलमग्न हो गया है. तीन दिनों से पानी घटने का नाम नहीं ले रहा है. लेकिन प्रशासन के कोई भी अधिकारी झांकने तक नहीं आए और न ही कोई राहत सामग्री दी गई है. 


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लखीसराय में भी गंगा उफान पर
लखीसराय में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही वर्षा के कारण गंगा, किऊल, हरुहर नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. इस कारण नदी के तटीय गांवों के बहियार और सोता में गंगा नदी का पानी प्रवेश कर जाने से दियारा क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ में लगी मक्का, सोयाबीन और पशु चारा फसल पानी में डूब गई है. इससे किसान परेशान हैं. 


बड़हिया से लेकर खुटहा होते हुए पिपरिया तक गंगा नदी उफान पर है. इससे दियारावासी सहमे हुए हैं. खासकर जिले के पिपरिया प्रखंड के वलीपुर, रामचंद्रपुर, मोहनपुर और पिपरिया पंचायत अंतर्गत दियारा इलाके में गंगा नदी का पानी का फैलाव किसानों के खेतों में होने लगा है. इससे खेतों में लगी फसल डूबने लगी है. गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर और उफान देख दियारा क्षेत्र के लोग बाढ़ की आशंका से सहमे हुए हैं. 


खेतों में किसानों द्वारा लगाए गए मक्का, सोयाबीन और पशु चारा गंगा के पानी में डूबने लगी है. इससे किसानों की समस्या बढ़ गई. अगर जलस्तर बढ़ता रहा तो गंगा का पानी गांव में घुस जाएगा और किसानों के समक्ष पशु चारा की समस्या होगी. वहीं डीएम रजनीकांत ने बताया कि गंगा के जलस्तर बढ़ने से पानी दियारा क्षेत्र के कुछ हिस्से में फैलने की जानकारी मिली है. फिलहाल बाढ़ की स्थिति नहीं है. बाढ़ से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. स्थानीय सीओ और फ्लड कंट्रोल के अभियंताओं को अलर्ट पर रखा गया है.


सुल्तानगंज में खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही गंगा नदी
भागलपुर के सुल्तानगंज में गंगा नदी उफान पर है. पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में जबरदस्त इजाफा हुआ है. गंगा यहां खतरे के निशान को क्रॉस कर 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. सुल्तानगंज में खतरे का निशान 34.50 सेंटीमीटर है. वर्तमान में जलस्तर 34.80 सेंटीमीटर पर है. पिछले 24 घण्टे में 70 सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ा है. सुल्तानगंज को ऑरेंज अलर्ट में रखा गया है. अजगैबीनाथ गंगा घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गया, दुकानें पूरी डूब चुकी है. 


अजगैबीनाथ गंगा घाट पर गंगा स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं सीढ़ी घाट और नमामि गंगे घाट पर श्रध्धालु स्नान कर रहे हैं. गंगा में एसडीआरएफ की टीम निगरानी कर रही है. बाढ़ प्रमण्डल के अधिकारी कैम्प कर रहे हैं. श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अगले 36 घण्टे में जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है. सम्भावना है कि इस बार फिर वर्ष 2021 की तरह गंगा हाईएस्ट फ्लड लेवल क्रॉस करेगी. 2021 में गंगा नदी 36.75 मीटर पर बह रही थी जो खतरे के निशान से 2.25 मीटर अधिक था. 


मुंगेर में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी गई है. गुरुवार की शाम 6 बजे से प्रत्येक घंटे में एक सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार आज सुबह 7 बजे गंगा का जलस्तर 37.90 मीटर पर जा पहुंचा है. जिसके कारण निचले इलाकों में बाढ़ जैसा नजारा देखने को मिल रहे है.  गौरतलब है कि गंगा नदी का वार्निंग लेवल 38.33 है. वही डेंजर लेवल 39.33 मीटर है.


सहरसा से विशाल कुमार, भागलपुर से अश्वनी कुमार