Munger Ganga Ghat: पटना नहीं, बिहार के इस शहर में भी है खूबसूरत गंगा घाट, भगवान राम भी लगा चुके हैं डुबकी!
Munger Ganga Ghat: बिहार का मुंगेर जिला ऐतिहासिक होने के साथ-साथ धार्मिक दृष्टि से भी काफी मशहूर है. गंगा नदी के किनारे बसा मुंगेर का इतिहास रामायण और महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. इस स्थान को दानवीर कर्ण की भूमि भी कहा जाता है.
मुंगेर के प्रमुख गंगा घाटों में से एक सोझी घाट है. यहां हर रोज सैंकडों लोग गंगा स्नान करने के लिए आते हैं. दरअसल इस घाट की स्वच्छता लोगों को अपनी ओर खींच लाती है. जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस घाट पर सुंदर सीढ़ी घाट बनवाया है. यहां रोजाना लोग सैर सपाटे के लिए भी शाम को पहुंचते हैं.
मुंगेर में गंगा नदी के किनारे स्थित सोझी घाट स्थानिय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. दोपहर से शाम के समय इस घाट पर लोगों की भीड़ जुटती है. शाम के समय इस घाट का नजारा काफी मनमोहक रहता है.
मुंगेर मुख्यालय के गंगा किनारे स्थित बबुआ घाट अपनी खूबसूरती के लिए काफी मशहूर है. जिला प्रशासन ने आम नागरिकों की सुविधा के लिए इस घाट पर काफी बढ़िया और सुंदर सीढ़ी घाट बनवाया है. छठ पर्व में भी इस घाट पर बड़ी संख्या में व्रती और श्रद्धालु पहुंचते हैं. शाम के वक्त बबुआ घाट पर लोगों की खूब भीड़ लगती है.
मुंगेर मुख्यलाय स्थित कष्टहरणी घाट का इतिहास काफी पुराना है. धार्मिक दृष्टिकोण से इस घाट को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस घाट के किनारे दर्जनों देवी-देवताओं के मंदिर मौजूद हैं. मान्यता है कि इस घाट पर भगवान श्री राम और लक्ष्मण स्नान कर चुके हैं. इस घाट का महाभारत में भी उल्लेख मिलता है.
बाल्मिकी रामायण के अनुसार, भगवान राम और लक्ष्मण राक्षस ताड़का का वध करने के बाद कष्टहरणी घाट पर रुके थे और इस घाट पर उन्होंने स्नान भी किया था. ऐसी मान्यता है कि इस घाट पर डुबकी लगाने वालों की पीड़ा कम होती है. इस घाट के किनारे भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और भगवान महादेव के साथ कई देवी देवताओं के मंदिर भी बने हुए हैं.