मुजफ्फरपुरः गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाएगा. बिहार की एक अदालत ने गुजरात से बिहार के लोगों को कथित रूप से भगाए जाने के मामले में दर्ज एक परिवाद पर सुनवाई करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर के खिलाफ स्थानीय थाने को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. 


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मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी (पश्चिम) सब्बा आलम की अदालत ने याचिकाकार्ता समाजसेवी तमन्ना हाशमी के एक परिवादपत्र की सुनवाई करते हुए कांटी थाना के प्रभारी को गुजरात के मुख्यमंत्री रूपाणी और कांग्रेस विधायक ठाकोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. 


याचिकाकर्ता ने बताया कि अदालत ने थाना प्रभारी को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और इस संबंध में जांच करने का आदेश भी दिया है. 


हाशमी ने पिछले वर्ष 9 अक्टूबर को अदालत में एक परिवादपत्र दायर कर विजय रूपाणी और अल्पेश ठाकोर पर बिहारियों को अपमानित कर जबरन गुजरात से भगाने का आरोप लगाया था. परिवादपत्र में कहा गया है कि यह देश को तोड़ने की कार्रवाई है. इस परिवादपत्र में भारतीय दंड विधान की धारा 153, 295, 504 लगाई गई है.


गौरतलब है कि गुजरात में एक बच्ची के साथ कथित रूप से दुष्कर्म की घटना के बाद स्थानीय लोग उत्तर भारतीय लोगों को निशाना बनाने लगे थे. बिहार के लोग अपनी जान बचाने के लिए वहां से पलायन करने लगे थे. इस घटना के बाद केवल बिहार के ही नहीं बल्कि यूपी और झारखंड के लोग भी पलायन कर रहे थे.


गुजरात में उत्तर भारतीय लोगों को राज्य से भागने की धमकी देने की खबर आई थी. लोगों ने कहा था कि उन्हें जबरन भगाया जा रहा है. और नहीं जाने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है.