पटना: मुजफ्फरपुर रेप कांड मामले में बार-बार सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को फटकार मिलने के बाद आज सदन में भी यह मुद्दा उठा. आरजेडी नेता अख्तरुल इमाम शाहीन ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा है कि पूरे मामले में सीएम समते अन्य अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है. सुप्रीम कोर्ट ने कई बार फटकार भी लगाया है लेकिन कोर्ट के कमेंट पर सीएम ने दो शब्द भी नहीं कहा. 


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साथ ही आरजेडी ने कहा है कि जातिगत जनगणना नहीं 2011 की रिपोर्ट को सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए. आबादी के अनुपात में केंद्र सरकार को आरक्षण देना चाहिए. 


वहीं, बीजेपी नेता निखिल आनंद ने विपक्षी द्वारा सदन में घेरे जाने पर कहा है कि विपक्ष ये बताए कि पूरे मामले में एफआईआर कौन किया है. यह उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली स्थिति है. केस सीबीआई को किसने सौंपा. साथ ही आरजेडी पर निशाना साधते हुए निखिल आनंद ने कहा है कि खुद चार्ज सीटेड हैं, जेल में बंद हैं लेकिन दूसरों पर पत्थरबाजी कर रहे हैं. 


आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए मामले को पटना से दिल्ली के साकेत कोर्ट स्थित स्पेशल पोक्सो कोर्ट में शिफ्ट कर दिया है. कोर्ट इस मामले की प्रतिदिन सुनवाई करेगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्पेशल कोर्ट 6 महीने के अंदर इस मामले का निपटारा करे.


साथ ही सुनावाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और सीबीआई दोनों पर तल्ख टिप्पणी की थी. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से कहा कि हम जानना चाहते हैं कि आप सरकार कैसे चला रहे हैं. साथ ही राज्य सरकार को कहा कि सवालों के जवाब देने को तैयार रहिए. वहीं, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि कोर्ट के आदेश की किसी तरह से अवहेलना नहीं होगी. वहीं, विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.