बगहा: Bihar News: बगहा के वाल्मीकि टाईगर रिजर्व जंगल से निकलकर एक विशालकाय किंग कोबरा रिहायशी क्षेत्र में पहुंच गया. बताया जा रहा है कि किंग कोबरा सांप को देखते ही गृह स्वामी की सांस अटक गई. किंग कोबरा इतना बड़ा था कि इसके रेस्क्यू ऑपरेशन व जंगल में छोड़ने के लिए 4 स्नैक कैचर व वन कर्मियों को लगना पड़ा. दरअसल, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे हुए लक्ष्मीपुर रमपुरवा के चंपा माई स्थान के समीप भोलाराम के घर किंग कोबरा सांप घुस गया. जिसे देख कर अफरा तफरी मच गई.


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घर के लोगों ने किसी तरह से भाग कर अपनी जान बचाई, और वन विभाग को इसकी सूचना दिया. सूचना पर पहुंचे वन कर्मियों की टीम ने तकरीबन 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किंग कोबरा का रेस्क्यू किया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सांप पकड़ने वाले वनकर्मी शंकर यादव एवं मुन्द्रिका यादव मौजूद रहे. इस विशेष प्रजाति के क़रीब 14 फीट लंबे किंग कोबरा को काबू में किया. इस मामले में वाल्मीकिनगर रेंजर अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि यह किंग कोबरा की एक विशेष प्रजाति है, जो बेहद खतरनाक है.


जानकारों की मानें तो कोबरा के पास करीब 500 मिलीग्राम जहर की मात्रा होती है. इनके कांटने से एक हाथी की भी मौत हो सकती है. कोबरा भी अन्य सांपों की तरह घोंसले बनाते हैं और उनमें अपने अंडे देते हैं और अपने अंडों की रक्षा करते हैं. कोबरा कई दिनों या महीनों तक बिना भोजन के रह सकते हैं. एक बार भर पेट भोजन करने के बाद किंग कोबरा करीब दो साल तक जीवित रह सकता है. इनका जहर अगर आंखों में चला जाए तो सही इलाज न मिलने से आंखों की रोशनी भी जा सकती है. इनका जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है जो सीधे तंत्रिका तंत्र पर असर करता है.


बता दें कि किंग कोबरा दुनिया के खतरनाक जहरीले सांपों में से एक है. यह जितना जहरीला होता है उतना ही समझदार भी. यह आसानी से किसी को नहीं डसता है. फ़न से जहर की फुफकार मारता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह धामिन, कोबरा व अन्य सांपों को खड़ा निगल जाता है.


इनपुट- इमरान अजीज


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