मोतिहारी: Shaligram Shila: मूर्ति बनाने के लिए नेपाल के गंडकी नदी से 2 शालिग्राम शिला लाया जा रहा है. दावा किया जा रहा है ये दोनों शिलाएं करीब 6 करोड़ साल पुरानी हैं. बता दें कि शालिग्राम मिलने वाली एक मात्र नदी काली गंडकी है ,यह नदी दामोदर कुण्ड से निकलकर गंगा नदी में मिलती है. नेपाल में पोखरा स्थित शालिग्रामी नदी (काली गंडकी ​​​​​) से लिए गे दोनों शिला खंड 26 टन और 14 टन का है.


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पूजा अर्चना के लिए उमड़ी भीड़


काली गंडकी नदी में पहले शास्त्र सम्मत क्षमापूजा की गई. फिर जियोलॉजिकल और आर्किलॉजिकल विशेषज्ञों की देखरेख में पत्थर की खुदाई की गई. अब उसे बड़े ट्रक में लादकर पूरे राजकीय सम्मान के साथ ले जाया जा रहा है. जहां-जहां से यह शिला यात्रा गुजर रही है. पूरे रास्ते भर भक्तजन और श्रद्धालुओं के द्वारा इसका दर्शन और पूजा किया जा रहा है. फिलहाल ये शिला मोतिहारी जिले के बिरगंज के पथलैया पहुंचा. जहां लोगों ने इसकी पूजा अर्चना किया. अब यह शिला जनकपुर जाएगा वहां से पूजा के बाद शिला 30 जनवरी 2023 को अयोध्या के लिए प्रस्थान होगा.


2 फरवरी को अयोध्या में पहुंचेगी शिलाएं


बता दें कि करीब सात महीने पहले नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री बिमलेन्द्र निधि ने राम मन्दिर निर्माण ट्रस्ट के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था, उसी समय से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई थी. सांसद निधि ने ट्रस्ट के सामने यह प्रस्ताव रखा कि अयोध्याधाम में जब भगवान श्रीराम का इतना भव्य मन्दिर का निर्माण हो ही रहा है तो जनकपुर के तरफ से और नेपाल के तरफ से इसमें कुछ ना कुछ योगदान होना ही चाहिए. ये शिलाएं 2 फरवरी को अयोध्या में पहुंच सकती हैं।


इनपुट- पंकज कुमार


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