Bettiah: कोरोना (Corona) लहर से गांव के लोग दहशत में हैं. दरअसल शहरों के मुकाबले गांवों में अभी साफ-सफाई और कोविड टेस्ट (Covid Test) समेत वैक्सीनेशन (Vaccination) की धीमी रफ्तार और अनदेखी ने लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है. हालांकि, सरकार इसके लिए गंभीर है और जल्द ही सुदूरवर्ती क्षेत्रों के हर एक गांव में कोविड जांच समेत वैक्सिनेशन को लेकर तैयारी चल रही है. लेकिन बढ़ते संक्रमण और मौत के आंकड़ों ने ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को हैरान कर दिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ेंः कोरोना ने गांवों में पसारे पैर, केंद्र सरकार ने Covid Care Center बनाने के निर्देश


इस संबंध में बताया जा रहा है कि पश्चिम चंपारण जिले के मझौलिया प्रखंड के रतनमाला पंचायत में वार्ड नम्बर 10,11,12,17 में लगभग 14 से 15 लोगों की मृत्यु कोरोना और बुखार के कारण हो गई है. इससे लोगों में भय का माहौल है. वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि रतनमाला पंचायत में लगभग 50 लोगों की मृत्यु हुई है. लेकिन 10,11,12,17 में मरने वालों की संख्या कुछ अधिक है. 


ग्रामीणों के मुताबिक यहां अभी तक स्वास्थ्य विभाग से कोई भी अधिकारी और कर्मचारी लोगों की कोई सुधि लेने नहीं पहुंचे हैं. इसके साथ ही  गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र भी है जो महीनों से बंद पड़ा है. इसमें ताला लटक रहा है यहां कई महीनें बीत जाते है लेकिन यहां डियूटी पर चिकित्सक, एएनएम और कर्मी कब आते और चले जाते हैं. इस बात का गांव वालों को पता भी नहीं चल पाता है. 


बता दें कि इस बार कोरोना से हो रही लगातार मौत के बाद इलाके में लोग डरे और सहमे हुए हैं. इसको लेकर पूरा पंचायत दहशत में जी रहा है. हालांकि, लोग मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंस बनाए हुए हैं. बावजूद इसके जांच और टीका में देरी से चिंता बढ़ गई है.


ये भी पढ़ेंः कोरोना को लेकर लापरवाही, गांव में मरीजों के लिए स्वास्थ्य केंन्द्रों पर ना दवा-जांच!


वहीं, अब देखने वाली बात यह है कि पीएम मोदी (PM Modi) और सीएम नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar) की गंभीरता और आदेश का स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को टीका समेत जांच और अन्य जरूरी सुविधाएं कब तक उपलब्ध होती हैं. 


(इनपुट-इमरान अज़ीज)