Bettiah: पश्चिमी चंपारण जिला के नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र में एक नदी गांव वालों के लिए दो दशक से अभिशाप बनी हुई है. ग्रामीण एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर गांव बसाते हैं, हड़बोड़ा नदी गांव का पीछा करते हुए अगले साल तक वहां पहुंच जाती है. इस तरह हर बार गांव के कटाव से लोग काफी परेशान हो गए हैं.


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दरअसल, नरकटियागंज प्रखंड (Narkatiaganj Block) के भंटाहवा पिपरा (Pipra Village) गांव दो दशक से कटाव की विनाशलीला झेल रहा है. आलम यह है कि हड़बोड़ा नदी इस गांव के लिए अभिषाप बन गई है और अब पिपरा गांव का इलाका अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
 
जान हथेली पर रख कर जीने को मजबूर हैं ग्रामीण
इस गांव के लोग बाढ़ के दौरान अपनी जान हथेली पर रख कर जीने को मजबूर हैं. कभी हड़बोड़ा नदी भंटाहवा पिपरा गांव से एक किलोमीटर दूर बहा करती थी लेकिन पिछले तीन साल से नदी अब यहां भीषण कटाव करते करते गांव के बेहद करीब पहुंच गई है जिसके कारण गांव पर इसके अस्तित्व का संकट और खतरा मंडराने लगा है. 
 
बताया जाता है कि 2004 में जब हड़बोड़ा नदी गांव का कटाव करने लगी तो नदी के उस पार से लोग इस पार आकर बस गए. वर्ष 2004 के बाद उस पार से इस पार आए लोग अपना घर बनाकर रहने लगे. फिर नदी इस पार भी तीन साल पहले से लगातार कटाव कर रही है और कटाव करते करते गांव में बने सड़क के बिल्कुल नजदीक पहुंच गई है.
 
कभी भी गांव हड़बोड़ा नदी के आगोश में समा सकती है
बता दें कि हड़बोड़ा नदी कभी भी इस गांव को अपने आगोश में समा सकती है. इस वजह से गांव के लोग डरे और सहमे हुए हैं. बाढ़ आने पर रात रात भर गांव के लोग रतजगा कर जागते रहते हैं कि कहीं घर नदी में विलीन न हो जाए.


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स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार बिनवलिया पंचायत के मुखिया ने नदी द्वारा हो रहे कटाव का मुआयना तो किया लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. वही नरकटियागंज के पूर्व विधायक विनय वर्मा और वर्तमान बीजेपी के राज्यसभा सांसद सतीश दुबे को इस समस्या से अवगत कराया गया लेकिन कटाव को रोकने के लिए अभी तक ठोकर या बांध की व्यवस्था नहीं की गई है. इसके कारण नदी कभी भी पूरे गांव का कटाव कर सकती है.


 
ग्रामीण व प्रशासन को नदी का पानी उतरने का इंतजार
लिहाजा लोग काफी डरे सहमे हुए हैं और सरकार व प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहें हैं.
इधर ज़िला प्रशासन को बाढ़ का पानी निकलने और उतरने का इंतजार है जिसके बाद कटाव निरोधी कार्य शुरू किया जायेगा. अब देखने वाली बात होगी कि हड़बोडा नदी की धार और बाढ़ कटाव कि स्थिति आगे कैसी रहती है जिसका स्थानीय लोगों समेत प्रशासन को भी इंतजार है. 


(इनपुट- इमरान)