Bettiah: अप्रैल का महीना चल रहा है. ये महिना शादी-ब्याह के लिए जाना जाता है. कोरोना के साए में बिहार के बेतिया जिले में हुए एक विवाह इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां, लड़की पक्ष ने अपने रिश्तेदार व शादी समारोह में भाग लेने वाले लोगो से एक अपील करते हुए कहा कि कोरोना को देखते हुए बेटी के विवाह में हमारे घऱ बारात नहीं आएगी. अब बेटी का विवाह कराने हम खुद लड़का पक्ष के पास जा रहें हैं. आपको हुई असुविधा के लिए खेद हैं. इस खास संदेश के बाद दोनों पक्ष ने शादी बस चंद लोगों की मौजदूगी में मंदिर में कर लिया. 


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दरअसल, बगहा के रत्नमाला वार्ड निवासी कुमारी अंशु की शादी बेतिया के तीन लालटेन निवासी विकास कुमार उर्फ बिट्टू से तय हुई थी. 23 अप्रैल को बेतिया से रत्नमाला शादी के लिए बारात आनी थी. सब कुछ तय था. लेकिन कोविड के बढ़ते प्रकोप और सरकार के दिशा निर्देश के आलोक में वधु पक्ष और वर पक्ष की सहमति से बारात लाना स्थगित कर दिया गया. इसके बाद लड़की व लड़के पक्ष ने अपने शुभचिंतको, रिश्तेदारो को एक मैसेज भेजा. जिसमें दोनो पक्ष ने कहा कि कोविड को देखते हुए बेटी के विवाह में हमारे घर बारात नही आएगी, अब बेटी का विवाह कराने हम खुद लड़का पक्ष के पास जा रहें हैं.आपको हुई असुविधा के लिए क्षमा करेंगे.


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वहीं, दुल्हन अंशु अपने माता-पिता व परिवार के साथ अपने ससुराल बेतिया पहुंची. यहां, दुर्गा मंदिर स्थित विवाह भवन से सादे समारोह में वर वधु का विवाह सम्पन्न हुआ. इस बाबत स्थानीय वार्ड 31 की वार्ड आयुक्त तबस्सुम जहां, वार्ड आयुक्त प्रतिनिधि सह जदयू नगर अध्यक्ष मोo गयासुद्दीन, वधु पक्ष से सुनिल कुमार 'राउत' आदि ने कहा कि कोविड को लेकर सरकार के दिशा निर्देश के अनुपालन के आलोक में यह साहसिक एवं स्वागतयोग्य निर्णय लिया गया है. 


मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि समाज में मिसाल के साथ-साथ अन्य लोगों के लिए एक उदाहरण है. वहीं, लड़की परिजनों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के कारण आपसी सहमति से ये निर्णय लिया गया ताकि स्थानीय जनता, आगंतुक एवं दोनों पक्ष को सहुलियत हो. 


(इनपुट-आर इमरान)