बगहा: Bihar Flood: गंडक नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव के बाद एक बार फिर से बाढ़ की आशंका जताई जा रही है. लिहाजा नदी तट पर रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं और लोग रतजगा करने को मजबूर हैं. दरअसल नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गण्डक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है. इंडो नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज से इस मानसून सत्र में आज सार्वधिक 3 लाख 14 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके बाद नदी में उफान है.


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वहीं दियारा के निचले इलाकों में पानी तेज़ी से फैल रहा है औऱ नदी तट पर रहने वाले लोग बाढ़ की संभावना को लेकर डरे सहमे हुए हैं. बताया जा रहा है कि बगहा में गंडक नदी किनारे पारस नगर और आनन्द नगर समेत कैलाश नगर में नदी का पानी लोगों के घरों से टकरा कर हिलोरे मार रहा है. हालांकि पिछले महीने यहां जल संसाधन मंत्री संजय झा ने दौरा कर बाढ़ औऱ कटाव से इलाके को बचाने का दावा किया था. लेकिन नदी तट पर बसे लोगों का कहना है कि सरकार उन्हें ऊंचे व सुरक्षित स्थानों पर बसा दे ताकि लोगों को बाढ़ और कटाव की समस्या न झेलनी पड़े.


इधर गण्डक नदी में उफ़ान के बाद नावों के परिचालन पर रोक लगा दिया गया है. जो एंटी रोजन कार्य हुए थे वे डूबने लगे हैं. लिहाजा लोग दियारा में आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं. किसानों के खेतों में लगे फ़सल पूरी तरह डूब कर बर्बाद हो रहे हैं और मवेशियों के चारा तक नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में नेपाल में अगर और अधिक बारिश होती है तो गण्डक के जलस्तर में तेज़ी से इजाफा होगा. जिसके बाद बाढ़ जैसे हालात से इंकार नहीं किया जा सकता है. यही वजह है कि लोग डरे सहमे हुए हैं क्योंकि कोशी नदी में वर्षों का रिकार्ड टूट गया है और साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी का बहाव हो रहा है.


इनपुट- इमरान अजीज                  


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