मोतिहारी: बिहार सरकार राज्य के स्कूलों में सुविधाओं का लाख दावा करती है लेकिन राज्य में आज भी कई ऐसे सरकारी स्कूल हैं जो मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है. ऐसे ही एक स्कूल बिहार के मोतिहारी जिले में भी है. राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुगौली रेलवे एक ऐसा विद्यालय जो आज भी अपनी बेबसी पर चीख-चीख कर रो रहा है. इस विधालय की स्थापना 1960 ई. में की गई थी. जो कई मूलभूत सुविधाओं से आज भी कोसों-दूर है.


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बता दें कि इस विद्यालय में खुद के बिल्डिंग की सुविधा,बिजली की सुविधा व विधालय के चारों ओर बाउंड्री नहीं होने से बच्चे बहुत कम आते हैं. इस विद्यालय के पास केवल दो कमरा है जिसमें एक कमरे में पठन-पाठन होता है तो दूसरे में मध्यान भोजन बनता है. हैरान करने वाली बात ये है कि ये स्कूल रेलवे की भूमि पर स्थित है. जब भवण निर्माण करने की बात उठती है तब रेलवे कर्मियों द्वारा बताया जाता है कि रेलवे भूमि पर स्थित इस विद्यालय का किराया काफी वर्षों से अभी बाकी है. फिलहाल इस भूमि का कागजात हम लोगों के पास नहीं है. इसके कागजात समस्तीपुर डिवीजन में उपलब्ध हैं.


रेलवे कर्मियों ने बताया कि कागजात देखने के बाद ही भवन निर्माण कार्य कराने की अनुमति दी जाएगी.  वहीं विधालय के बच्चे गर्मी के मौसम में बिना पंखे का किसी तरह पढ़ते हैं. स्कूल निर्माण के 64 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक यह विद्यालय मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है. किसी तरह हर रोज एक कमरे में एक से पांच क्लास तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है. इस विद्यालय में प्रधानाध्यापिका निर्मला कुमारी सहित नीलेंदु गौतम व मोहम्मद कमाल सहायक शिक्षक हैं. इतनी कठिनाइयों के बाद भी इस विद्यालय की तुलना अगर अन्य विद्यालय से की जाए तो इस विधालय के बच्चे की पठन-पाठन में अव्वल नंबर पर है.


इनपुट- पंकज कुमार


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