Bihar News: बिहार सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लाख दावे कर रही हो, लेकिन गोपालगंज में धरातल पर हालात कुछ और बयां कर है. जिले के नगर परिषद स्थित एसएस बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की बदहाली इसका जीता जागता प्रमाण है. यहां की 2400 छात्राओं का भविष्य मात्र 2 शिक्षकों के भरोसे है. आइए इस आर्टिकल में सबकुछ जानते हैं. 


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2400 छात्रों पर, केवल 2 शिक्षक
एसएस बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 2400 छात्राएं नामांकित है, जिसमें से रोजाना करीब 2292 छात्राएं स्कूल आती हैं. इन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और भविष्य संवारने की जिम्मेदारी केवल एक उर्दू और एक कॉमर्स के दो शिक्षकों को कंधों पर है. जबकि, इस स्कूल में कॉमर्स की पढ़ाई ही नहीं होती और उर्दू पढ़ने वाली छात्राएं बहुत कम है. ऐसे में स्कूल में हिंदी, संस्कृत, सोशल साइंस, गणित समेत कई विषयों के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं. 


शिक्षकों की कमी से अंधेरे में बच्चों का भविष्य
इस स्कूल के प्रभारी प्राचार्य उमेश चन्द्र कुशवाहा ने बताया कि 1 फरवरी 2021 से मैंने पदभार संभाला है, तब से कई बार शिक्षकों की कमी के बारे में संबंधित विभाग को सूचना दी गई है. मगर अभी तक एक भी नए शिक्षक नहीं मिले, बल्कि 19 शिक्षक स्कूल से अन्य जगहों पर चले गए. उन्होंने आगे बताया कि इतना ही नहीं शिक्षकों की कमी को लेकर केके पाठक और निदेशक माध्यमिक शिक्षा को भी पत्र भेजा गया है. हालांकि, इसका कुछ खास फायदा नहीं हुआ. ऐसे में 2292 छात्राओं का भविष्य अंधेरे में है. यहां का आलम यह है कि सामने बोर्ड एग्जाम है, लेकिन स्कूल में कई विषयों के शिक्षक ही नहीं है. 


Reporter:- Madesh Tiwari


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