मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर जंक्शन पर बीएमपी के पुलिस जवान का पैर टूट गया बता दें कि इसके बाद जवान को एंबुलेंस की सेवा तक नहीं मिल पाई जिसके बाद जवान के साथियों ने इसे ठेले से सदर अस्पताल पहुंचाया. जब यह हाल बीएमपी के जवानों का है तो समझिए स्वास्थ्य सेवाओं का बिहार के सामान्य जन को कितना लाभ मिलता होगा. बिहार की स्वास्थ्य सेवा की बदहाली का यह उदाहरण आम है.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


बता दें की चुनाव ड्यूटी में जा रहे एक बीएमपी में कार्यरत एसआई का मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर पैर फिसलने से पैर फ्रेक्चर हो गया. पैर फ्रेक्चर होने के बाद जब रेलवे स्टेशन पर कोई एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं मिली तो इसके बाद उसके अन्य साथियों ने ठेले पर लिटाकर उस जवान को सदर अस्पताल पहुंचाया. जहां इमरजेसी में इलाज के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया.


ये भी पढ़ें- पति बना हैवान, अवैध संबंध का विरोध कर रही पत्नी और 3 माह के मासूम को जिंदा जलाया


बताया जा रहा है कि बीएमपी 10 के एसआई मदनमोहन चौधरी की ड्यूटी बंगाल चुनाव में लगी थी. बंगाल में चुनाव कराने जाने के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे थे. मुजफ्फरपुर जंक्शन पर पानी गिरा होने के कारण उनका पैर फिसल गया. जिससे उनकी पैर की हड्डी टूट गई.


इस पूरे घटना में आश्चर्ज तो तब हुआ जब एक पुलिस वाले को घंटों तक इस हालत में भी एंबुलेंस की सेवा नहीं मिली तो उनके साथियों ने ठेले पर लेकर ही उन्हें मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में भर्ती कराया. इस व्यवस्था से आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि बिहार में स्वास्थ विभाग की कितनी लचर व्यवस्था है की जब एक पुलिस वाले को एम्बुलेंस नहीं मिल सकी तो आम आदमी के साथ क्या होता होगा? 


(रिपोर्ट - मणितोष कुमार)