मुजफ्फरपुर: Chhath Puja 2023: पूरे बिहार में चार दिवसीय अनुष्ठान का महापर्व छठ की छटा बिखरी है. गांव से लेकर कस्बों, शहरों, गलियों, सड़कों तक में छठ के मधुर गीत गूंज रहे हैं. वहीं बिहार के जेलों में भी कैदी छठ पर्व में भगवान भास्कर की आराधना में जुटे हैं. मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 62 पुरुष और 64 महिलाओं समेत कुल 126 बंदी छठ महापर्व कर रहे हैं. जिसमें दो मुस्लिम धर्म के भी बंदी शामिल हैं. छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए हैं.


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कैदियों के लिए जेल के अंदर ही पूजा करने के लिए छठ घाट बनाया गया है, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं. लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं. शनिवार को जेल के अंदर बंदी छठव्रती खरना का प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू कर दी है. सूर्य उपासना के छठ व्रत को लेकर लोगों में जो आस्था है, वह जेल के अंदर भी देखने को मिल रहा है.


जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया है. छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. छठ कर रहे बंदियों की मदद में अन्य बंदी भी लगे हैं.


इनपुट-आईएएनएस


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