बगहा: Bihar News: नेपाल और यूपी सीमा पर स्थित बिहार के पश्चिमी चम्पारण ज़िला में धर्मांतरण का सिलसिला बदस्तूर जारी है. बॉर्डर के अति पिछड़े व दुर्गम इलाकों को शॉफ्ट टारगेट कर यहां चंगाई सभाएं लगाकर प्रभु यीशु मसीह का गुणगान किया जा रहा है. इतना ही नहीं शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े इलाकों में भोले भाले लोगों को बरगला कर प्रार्थना सभाओं में बाइबिल देकर उसका पाठ करने को कहा जा रहा है. ऐसा कारनामा कोई और नहीं ख़ुद इन्हीं थारू आदिवासियों के बीच गोबरहिया थाना क्षेत्र के नौरंगिया दोन निवासी राज कुमार पावे को आगे कर उनके नेतृत्व में ईसाई मिशनरियों द्वारा सप्ताह के चार दिन क्रमशः बुधवार, गुरुवार व शनिवार के अलावा रविवार को अलग-अलग जगहों पर चंगाई सभाएं लगाकर धर्म परिवर्तन का खेल बड़े ही आसानी से कराया जा रहा है.


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दरअसल तराई क्षेत्र के अतिपिछड़े गांवों में बसे लोगों को बहला फुसलाकर उनके दुःखों, बीमारियों से निजात दिलाने वह भी बग़ैर किसी दवा इलाज़ के मुफ़्त में शैतान से छुटकारा पाने का भरोसा दिलाकर चंगाई सभाओं में इकट्ठा किया जा रहा है और फ़िर पानी में मंत्र जप कर उसे सबको पिलाया जा रहा है जिसके बाद लोगों की बीमारियां दूर हो जा रही हैं.


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हैरत की बात है कि लोगों का धर्म परिवर्तन करवाने वाले मिशनरी के कर्मी ख़ुद उन्हें प्रभु यीशु में कष्टों के निवारण का अलौकिक शक्ति बता रहे उनके विश्वासी न कर लोगों को न केवल मोटिवेट कर रहे हैं बल्कि उनके ईसाई धर्म में कन्वर्ट करने में जुटे हैं. लिहाजा गुमस्ता व मुखिया समेत सामाजिक कार्यकर्ता व धार्मिक संगठनों से जुड़े लोग इसका विरोध कर रहे हैं और अब इसपर रोक लगाने के सा- साथ इसे बंद कर पुलिस प्रशासन से जांच करने के साथ साथ कठोर कार्रवाई की मांग उठने लगी है.


बताया जा रहा है की इंडो नेपाल सीमा पर स्थित थरूहट दोन समेत वाल्मिकीनगर के ठाड़ी, भेड़िहारी, थारू टोला, चम्पापुर, गोबरहिया व नौरंगिया दोन औऱ लक्ष्मीपुर रमपुरवा के साथ साथ नरकटियागंज के कई हिस्सों में मिशनरी शिद्दत से काम कर रही है औऱ हज़ारों लोगों को झांसे में डालकर धर्मांतरण करवाया जा चुका है तो वहीं यूपी सीमा पर स्थित मधुबनी प्रखण्ड के धनहा गोबरहिया में भी गुरुवार व रविवार को चंगाई सभा लगाकर झाड़ फूंक के नाम पर अवैध वसूली के साथ लोगों के धर्म परिवर्तन कराए जा रहे हैं. जिसके बाद इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता और धार्मिक संगठन से जुड़े लोग आज के इस वैज्ञानिक युग में बग़ैर दवा इलाज़ के किसी बीमारी से ठीक होने की बात को झूठा करार देते हुए इसकी जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. जबकि कुछ लोग इसे धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि जीवन परिवर्तन बता रहे चंगाई सभाओं में भाग लेने के साथ साथ कष्टों व बीमारियों से निजात मिलने का एक मात्र सहारा जिसस में विश्वास जता रहे हैं. तो वहीं लक्ष्मीपुर व गोबरहिया में दबंगई कर गुमस्ता व मुखिया समेत सामाजिक धार्मिक संगठनों द्वारा मनाही व रोक के बावजूद राज कुमार पावे व लक्ष्मी देवी चंगाई सभाओं में मरे हुए लोगों को जिंदा करने का दावा कर रहे हैं औऱ तो और इसका विरोध करने वाले पर हमला बोल दिए जाने का खुलासा हुआ है.


इधर अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य व थारुओं के शिरमौर महेश्वर काज़ी ने ज़ी मीडिया की पड़ताल का संज्ञान लेते हुए सरकार औऱ प्रशासन के स्तर से शीघ्र ही इसपर रोक लगाने के साथ-साथ जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.


बता दें कि गोबरहिया थाना क्षेत्र व अन्य इलाकों में बड़े पैमाने पर ज़मीन खरीद कर मिशनरी वहां मुफ़्त पठन पाठन की व्यवस्था में जुटी है ताक़ि शैक्षणिक स्तर पर पिछड़े इलाकों के लोगों में ईसाई धर्म के प्रति विश्वास बढ़ाया जा सके तो दर्ज़नों गांवों में चंगाई सभा लगवाई जा रही है. यही वज़ह है कि लोग आसानी से धर्म परिवर्तन के चुंगल में आ रहे हैं हालांकि कुछ लोग सुबह पूजा अर्चना तो दोपहर व शाम को प्रार्थना करने चंगाई सभा में भाग लेने की बात कर रहे सभी धर्म और मजहब एक समान होने का दंभ भर रहे हैं जो यह भी कह रहे हैं की ईश्वर, अल्लाह, राम व गुरुनानक सब एक हैं.


बहरहाल भारत विविधताओं का देश है लोकतंत्र वाले इस धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में हम सब को पूरी आज़ादी है कि हम जिस धर्म में चाहें आस्था रखें, जिसे चाहें अंगीकार करें लेकिन भोले-भाले अतिपिछड़े व शैक्षणिक रूप से कमज़ोर ग्रामीणों को झांसे में डालकर उन्हें बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन करवाना कहां तक जायज़ है? ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस प्रशासन इसकी कब तक जांच शुरू करता है और कोई कार्रवाई होती भी है या नहीं?


इमरान अज़ीज़