मुजफ्फरपुरः Muzaffarpur Mahesh Kumar Story: मंगलवार 16 अप्रैल को UPSC CSE 2023 का रिजल्ट जारी हो चुका है. इस परिणाम में बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले दिव्यांग महेश कुमार ने 1016वीं रैंक हासिल की है. मुजफ्फरपुर के रहने वाले महेश कुमार शेखपुरा जिला न्यायालय में बेंच क्लर्क है.   


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महेश कुमार से मिली जानकारी के अनुसार, वे दो बार बीपीएससी 67वीं और 68वीं की परीक्षा को पास नहीं कर पाए थे. पहली बार वे 2013 में टीईटी की परीक्षा पास कर नियोजित शिक्षक बने थे और फिर साल 2018 में सिविल कोर्ट में पेशकार बने. 


महेश कुमार ने कड़ी मेहनत कर साल 2024 में बीपीएससी की शिक्षक भर्ती परीक्षा को पास किया और हाई स्कूल में शिक्षक बने. इसी के साथ 2023 में यूपीएससी सीएसई पास कर ली. यूपीएससी सीएसई की परीक्षा में महेश कुमार ने सबसे आखिरी 1016 रैंक हासिल की हैं. 


महेश ने इस मुकाम पर पहुंचने के लिए काफी संघर्षों का सामना किया है. उसके बाद जाकर आज उन्हें ये मुकाम हासिल हुआ है. महेश के पिता बाजारों में दाल-चावल बेचने का काम करते थे. वे एक बड़े परिवार से थे. उनके 7 भाई-बहन थे. महेश ने सभी संघर्षों का सामना करते हुए कड़ी मेहनत की. 


मिली जानकारी के अनुसार, महेश ने साल 1995 में मैट्रिक परीक्षा पास की थी और उस वक्त वे स्कूल टॉपर रहे थे. जिसके बाद आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने साल 2008 में 11 साल बाद इंटर की परीक्षा दी और साल 2011 में ग्रेजुएशन किया. जिसके बाद साल 2013 में टीईटी की परीक्षा पास कर नियोजित शिक्षक बने. साल 2018 में कोर्ट क्लर्क बने और 2023 में बीपीएससी की शिक्षक परीक्षा पास कर हाई स्कूल में शिक्षक बने.        


महेश ने बताया कि यूपीएससी के इंटरव्यू में उनसे कैसे सवाल पूछे गए थे. उन्होंने बताया कि उनसे मुजफ्फरपुर की फेमस लीची के बारे में सवाल किए गए, गांधी के बिहार आगमन और आंदोलन के बारे में पूछा गया. इसी के साथ ये भी पूछा गया कि बिहार समृद्ध हुआ करता था लेकिन अब पिछड़ा क्यों है?   


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