Bihar News: मोतिहारी में मंदिर पुजारी की हत्या के मामले ने पकड़ा तूल, लोगों ने निकाला कैंडल मार्च
बिहार के मोतिहारी में मंदिर के महंत की हत्या के बाद सामाजिक व धार्मिक संगठनों के द्वारा हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन व प्रदर्शन जारी है. वहीं, इसको लेकर ग्रामीणों ने कैंडल मार्च निकालकर हत्यारों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की.
Motihar: बिहार के मोतिहारी में मंदिर के महंत की हत्या का मामला सामाजिक और राजनीतिक तूल पकड़ रहा है. बीते 21 जुलाई को जिले के कुण्डवाचैनपुर थाना क्षेत्र के कुण्डवाचैनपुर रेलवे स्टेशन के समीप बने हनुमान मंदिर के महंत सुरेश मस्तान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसको लेकर सामाजिक और धार्मिक संगठनों के द्वारा हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन और प्रदर्शन जारी है.
अपराधियों की गिरफ्तारी की उठी मांग
दरअसल, बीती 21 जुलाई के जिले के कुण्डवाचैनपुर थाना क्षेत्र के कुण्डवाचैनपुर रेलवे स्टेशन के समीप बने हनुमान मंदिर के महंत सुरेश मस्तान हर रोज की तरह दोपहर का खाना खाकर मंदिर के समीप बने मकान के बरामदे में सो रहे थे. उसी दौरान अज्ञात अपराधियों के द्वारा गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. वहीं, घटनास्थल पर सैंकड़ों लोग जमा हो गए और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे.
ग्रामीणों ने निकाला कैंडल मार्च
जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर भीड़ को समझा बुझाकर शव को कब्जे में लेकर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी. इस हत्या के बाद प्रतिदिन किसी न किसी सामाजिक व धार्मिक संगठनों के द्वारा हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन व प्रदर्शन जारी है. इसके अलावा इस हत्या के विरोध में बाजाद बंद के बाद ग्रामीणों ने कैंडल मार्च निकालकर हत्यारों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की. वहीं, मृतक महंत के परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि हत्या को दस दिन बीत चुके हैं उसके बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. परिजनों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ असंतोष जताया.
टीम का किया गठन
इस हत्या को लेकर सिकरहना अनुमंडल के डीएसपी राजेश कुमार ने बताया कि हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर मोतिहारी एसपी के साथ मिलकर एसआईची टीम का गठन किया गया है. साथ ही हत्यारों को पकड़ने के लिए चारों तरफ छापेमारी की जा रही है.
बताया जाता है कि महंत कुण्डवाचैनपुर स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्रियों को रात में मंदिर में ठहरने के साथ साथ खाना खिलाकर घर पहुंचाने में भी लोगों की मदद करता था. जिसके चलते वह पूरे इलाके में लोकप्रिय थे.