मुजफ्फरपुर आंखफोड़वा कांड- हाईकोर्ट के आदेश पर डेढ़ साल बाद खुला आई हॉस्पिटल
सरकार की ओर से पीड़ितों को मुआवजा दिया गया. मुआवजे के रूप में एक-एक लाख रुपये नकद दिया गया.
मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर से बड़ी खबर आई है, जहां आंखफोड़वा कांड के कारण करीब डेढ़ साल के बाद मुजफ्फरपुर के चर्चित आई हॉस्पिटल के सील को हाईकोर्ट के आदेश के बाद खोल दिया गया है. करीब डेढ़ साल पहले आरोप लगा था कि मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल की लापरवाही से आंखफोड़वा कांड हुआ है. उस घटना के बाद से अस्पताल को सील कर दिया गया था. मजिस्ट्रेट और ब्रह्मपुरा थाने की पुलिस की मौजूदगी में हॉस्पिटल का सील खोला गया.
साल 2021 के नवंबर महीने में एक विशेष कैम्प के दौरान मोतियाबिंद के गलत ऑपरेशन की वजह से 25 मरीजों की आंखे ख़राब हो गई थी. उसके बाद 16 मरीजों की आँखे निकालनी पड़ी थीं. इसको लेकर कई महीनों तक बिहार की सियासत में बवाल होता रहा. जांच में अस्पताल की लापरवाही भी सामने आई थी. उसके बाद अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर और दवाखाना को सील कर दिया गया था.
मुजफ्फरपुर आंखफोड़वा कांड के बाद बहुत राजनीति हुई थी. पीड़ितों को मुआवजे को लेकर भी तरह-तरह की पाॅलिटिक्स सामने आई थी. अंत में सरकार की ओर से पीड़ितों को मुआवजा दिया गया. मुआवजे के रूप में एक-एक लाख रुपये नकद दिया गया. यह सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दी गई. कुल 19 पीड़ितों को मुआवजा दिया गया था.
मुआवजा पाने वालों में मुजफ्फरपुर के 9, पूर्वी चंपारण के 2, शिवहर के 2, वैशाली के 3, समस्तीपुर के 1, छपरा के एक और पश्चिम चंपारण के एक पीड़ित शामिल हैं.
इनपुट- मणितोष कुमार
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