मुजफ्फरपुर : बिहार में सरकार तो बदल गई, लेकिन कानून व्यवस्था को लेकर कोई बदलाव नहीं हो पा रहा है. दरअसल, मुजफ्फरपुर में बेखौफ अपराधियों से बेखबर होकर यात्रा करने वाले लोग भी दिखे और शहर में चल रहे स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे काम मे काम करने वाले मजदूर भी दिखे. सब ने बस पुलिस की व्यवस्था पर ही सवाल खड़े किए और कहा कि इसी व्यवस्था के बीच हमें काम करते रहना है. 


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सड़कों पर नहीं दिखी स्थानीय थाना पुलिस
बता दें कि रात में मुजफ्फरपुर की सड़कों पर स्थानीय थाना की पुलिस नही दिखी. हलांकि अभी हाल ही में शुरू की गई आपातकालीन सेवा 112 नंबर की पुलिस सड़क पर अपनी डियूटी में तैनात दिखी. जब सड़क पर जी मीडिया की टीम ने पड़ताल किया तो स्मार्ट सिटी के कार्य में लगे मजदूर ने कहा कि डर तो लगता है,लेकिन काम करना है और पुलिस व्यवस्था पर सवाल किए गए तो उसने कहा पुलिस पूरी रात में एक बार ही दिखती है. जबकि उसी रास्ते से गुजर रहे कुछ युवकों से बात की गई तो उसने बेबाक तरीके से कहा अपराध हो रहा है, लेकिन मजदूर आदमी को डर का कोई भय नही है.


पुलिस व्यवस्था में धीरे गति से हो रहा सुधार
लोगों ने बताया कि पुलिस की व्यवस्था में सुधार हुआ है, लेकिन जो रफ्तार से होना चाहिए वह नहीं है. स्थिति तो बुरी है ही, हलांकि पुलिस पर भी पोलिटिकल दवाब रहता है. फिर भी पुलिस बिहार में अच्छा काम कर रही है. शहर के सड़क पर आधी रात के समय पुलिस व्यवस्था का जायजा लिया गया तो सिर्फ आपात नंबर वाली 112 की पुलिस देखी गई और जब उनसे बात की गई तो उन्होंने ने कहा कि वह 20 मिनट पर एक चौराहा से दूसरे चौराहा पर उनका मुभमेन्ट करते रहते हैं. 


इस मामले में पर क्या कहते है पुलिस अधिकारी
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि लोगों की कॉल आने पर तत्काल कॉल वाले स्थान पर पहुंच कर उनकी मदद में पहुंचते है. अगर मुजफ्फरपुर में पूरे क्राइम का ग्राफ देखा जाए तो करीब-करीब समान्य स्थिति में है. एक महीने का अपराध की बात करें तो पूरे जिले में एक बड़ी बैंक लूट के अलावा आधा दर्जन हत्या,लूट,छिनतई और दुष्कर्म की घटना घटी है. हलांकि ज्यादातर मामलों को पुलिस डिडेक्ट कर आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.


इनपुट- मणितोष कुमार


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