सीतामढ़ी : सीतामढ़ी में बाघ का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. बता दें कि रीगा और बथनाहा ब्लॉक के 8 गांव के लोग बाघ के आंतक से दहशत में है. इन सभी गांव में वन विभाग की टीम द्वारा सर्च अभियान जारी है. रीगा के दो और बथनाहा के छह गांव में बाघ के पद चिन्ह देखे गए है. शाम होते ही लोग अपने घरों में लौट जाते है, ताकि बाघ का शिकार ना हो जाए. इधर, लोगों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग की टीम भी पूरी तरह सतर्क हो गई है.


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इन गांव के अंदर मिले बाघ के पद चिन्ह
बता दें कि रीगा और बथनाहा ब्लॉक के 8 गांव दोस्तपुर, खैरवी, कोरिगामा टोला, हैदरा मील आदि जगहों पर बाघ के पैरों के निशान मिले थे. जिसका वन विभाग की टीम ने माप लिया. बाघ मिलने की सूचना के पांच दिन बाद तक टीम बाघ को खोजने की कोशिश कर रही है. बाघ के पद चिन्ह मिलने से लोग दहशत में  है. बता दें कि अभी तक स्क्यू टीम को अब तक बाघ को ढूंढ़ने में सफलता नहीं मिली है. हालांकि अब तक बाघ को किसी ने देखा नहीं है. 5 जनवरी को बाघ के हमले में 2 महिलाएं घायल हुई हैं. सीतामढ़ी के अलावा पटना, मुजफ्फरपुर व वीटीआर की टीम लगातार बाघ को रेस्क्यू करने का काम किया जा रहा है. 


गांव में दो महिलाओं को घायल कर चुका है बाघ
बता दें कि रीगा थाना क्षेत्र के रमनगरा गांव के सरेह में काम के दौरान गुरुवार की शाम दो महिलाओं पर बाघ ने हमला कर दिया था. जख्मी सुनीता देवी व कुमकुम देवी का इलाज एसकेएचसीएच में चल रहा है. इधर, पगचिह्न के आधार पर बाघ रीगा के रमनगरा में महिलाओं पर हमला करने के बाद कमलदह गांव के सरेह में प्रवेश कर गया. जहां से रामप्रवेश सिंह कुशवाहा के गेहूं के खेत में पैरों के निशान मिले. सीतामढ़ी डीएफओ ने उसकी पहचान कर बाघ होने की पुष्टि की.


इस मामले पर क्या कहते है अधिकारी
गांव के लोगों का कहना है कि बाघ को लेकर इलाके में कोहराम मचा हुआ है. शाम होते ही लोग अपने घरों में बंद हो जाते है. बाघ के मिलने तक हम लोग सतर्क है, उसको खोजने का काम जारी है. वहीं डीएफओ ने बताया कि शाम होने के बाद संभावित गांवों में माइकिंग कराई जा रही है. जिससे की लोग सचेत रहे. वहीं बाघ के लौटने के रास्ते को ढूंढ़ा जा रहा है.


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