NMCH में मरीज की आंख गायब मामले में दो नर्स निलंबित, जानें पूरा मामला
Patient Eyes Removing Case: घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और जांच टीम सक्रिय हो गई है. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि यह मामला मानव अंग तस्करी का है या चूहों का. पुलिस और जांच टीम ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को सजा दी जाएगी.
Patient Eyes Removing Case: पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (एनएमसीएच) में एक गंभीर घटना ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को हिला कर रख दिया है. आईसीयू में भर्ती मरीज फंटूश कुमार की मौत के बाद उनकी एक आंख गायब मिलने से मामला सुर्खियों में है. 36 घंटे के इलाज के बाद गोली लगने से घायल फंटूश की मौत हो गई थी, लेकिन जब सुबह परिजन शव देखने पहुंचे, तो उनकी एक आंख गायब थी.
मौत के बाद उठा सवाल
फंटूश कुमार को गोली लगने के बाद एनएमसीएच में भर्ती कराया गया था. रात 8:55 बजे उनकी मौत हुई और अस्पताल प्रशासन के मुताबिक रात 1 बजे तक स्थिति सामान्य थी, लेकिन सुबह 5 बजे जब परिवार के लोग शव देखने पहुंचे, तो उनकी आंख गायब थी. इस घटना से परिजन नाराज हो गए और अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ.
जांच और निलंबन का दौर जारी
घटना को गंभीर मानते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इसे बेहद संवेदनशील मामला बताया. तत्काल कार्रवाई करते हुए आईसीयू में तैनात दो नर्सों को निलंबित कर दिया गया. साथ ही चार सदस्यीय चिकित्सकों की एक जांच समिति का गठन किया गया. समिति के अध्यक्ष और एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख डॉ. विजय कुमार ने कहा कि जांच मानव अंग तस्करी और चूहे द्वारा आंख को कुतरने दोनों पहलुओं पर की जा रही है.
सीसीटीवी कैमरे और चूहों का मामला
आईसीयू में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे, लेकिन कॉरिडोर में लगे कैमरों की फुटेज में बड़े-बड़े चूहे देखे गए हैं. अस्पताल प्रशासन यह पता लगाने में असमर्थ है कि आंख गायब होने की घटना किसने और कैसे अंजाम दी.
अस्पताल परिसर में नर्सों का विरोध
निलंबित नर्स सुनीता कुमारी और प्रीति मंडल ने इस फैसले को एकतरफा करार दिया है. उनका कहना है कि उनकी जिम्मेदारी मरीज की देखभाल तक सीमित है, जबकि मानव अंग तस्करी या चूहे से जुड़ा मामला अस्पताल की सुरक्षा और प्रबंधन का है. अन्य नर्स भी उनके समर्थन में आ गई हैं और फैसले को वापस लेने की मांग कर रही हैं.
मामले में जांच जारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और जांच समिति सक्रिय हो गई है. हालांकि, यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि यह मामला मानव अंग तस्करी का है या चूहों का. पुलिस और जांच टीम ने कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. यह घटना न केवल अस्पताल प्रशासन पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सुरक्षा और प्रबंधन की खामियों को भी उजागर करती है.
इनपुट- रजनीश
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