झारखंडः एक घर से मिला इतना विस्‍फोटक कि नक्‍सली एक साथ कर सकते थे 1000 बड़े धमाके
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झारखंडः एक घर से मिला इतना विस्‍फोटक कि नक्‍सली एक साथ कर सकते थे 1000 बड़े धमाके

एक करोड़ रुपए के इनामी नक्‍सली आकाश उर्फ राकेश के बीच मुठभेड़ के दौरान आकाश मौके से मिले थे जेलेटिन स्टिक. मुखबिरों के जरिए सीआरपीएफ को मिली नक्‍सलियों को विस्‍फोटक पहुंचाने वाले शख्‍स का सुराग.

सीआरपीएफ की टीम ने झारखंड के दिगड़ी गांव में छापेमारी कर भारी तादाद में विस्‍फोट बरामद किया.

नई दिल्‍ली : झारखंड में धनबाद जिले के दिगड़ी गांव के एक घर से सीआरपीएफ ने भारी तादाद में विस्फोटक बरामद किया है. बरामद विस्‍फोटक की मात्रा इतनी है कि नक्‍सली लैंड माइन बिछाकर एक साथ 1000 से अधिक बड़े विस्‍फोट कर सकते थे. सीआरपीएफ के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार बरामद विस्‍फोटक को जल्‍द ही नक्‍सलियों के हवाले किया जाना था. विस्‍फोटक नक्‍सलियों तक पहुंचता, इससे पहले सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस की टीम ने छापेमारी कर सारा विस्‍फोटक बरामद कर लिया. हालांकि छापेमारी से ठीक पहले अपने घर में विस्‍फोटक जमा करने वाला शख्‍स फरार हो गया. सीआरपीएफ के अनुसार बरामद किए गए विस्‍फोटकों में 482 जेलेटिन स्टिक, 889 डेटोनेटर, 250 मीटर करडेक्‍स वायर और दो सेफ्टी फ्यूज क्‍वायल्‍स शामिल है. बरामद जेलेटिन स्टिक में मौजूद बारूद इतना है कि उससे एक साथ दो से तीन लैंडमाइन तैयार किया जा सकता है.

  1. ऑपरेशन को लीड कर रहे कमांडेंट ने बताई विस्‍फोटक तक पहुंचने की कहानी
  2. समीपवर्ती माइंस से नक्‍सली हासिल करते थे खतरनाक विस्‍फोटक जेलेटिन स्टिक
  3. जेलेटिन स्टिक खरीदने के लिए खरीददार बनकर दिगड़ी गांव पहुंचे कमांडेंट

मुठभेड़ के दौरान मिले जेलेटिन स्टिक से मिला सुराग
सीआरपीएफ के कमांडेंट संजीव कुमार द्विवेदी के अनुसार चार मई को पूर्वी सिंहपुर जिले के अंतर्गत आने वाले कोकादोसा पहाड़ियों में सीआरपीएफ और एक करोड़ रुपए के इनामी नक्‍सली आकाश उर्फ राकेश के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ के दौरान आकाश मौके से फरार होने में सफल रहा था. मौके की तलाशी के दौरान हथियारों के अलावा कुछ जेलेटिन स्टिक मिले थे. इन जेलेटिन स्टिक का इस्‍तेमाल लैंडमाइन बिछाने के किया जाता है. जेलेटिन स्टिक मिलने के बाद सीआरपीएफ के सामने सबसे बड़ा सवाल था कि इतना खतरनाक विस्‍फोटक नक्‍सलियों के पास पहुंचा कैसे? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए पूरे इलाके में इंटेलीजेंस को सक्रिय कर दिया गया. इसी बीच जानकारी मिली कि दिगड़ी गांव में एक शख्‍स नक्‍सलियों को जेलेटिन स्टिक सहित दूसरे विस्‍फोटक और लैंड बिछाने में उपयोग आने वाले उपकरणों को मुहैया कराता है.

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खरीददार बन विस्‍फोटक खरीदने पहुंचे कमांडेंट
सूचना मिलने के बाद कमांडेंट संजीव कुमार द्विवेदी अपने मुखबिर के साथ दिगड़ी गांव पहुंच गए. उन्‍होंने उस शख्‍स से विस्‍फोटक उपलब्‍ध कराने के लिए पूछा. जिस पर उसने कहा कि पांच लाख रुपए तक का विस्‍फोटक वह मुहैया करा सकता है. जिसके बाद कमांडेंट संजीव ने विस्‍फोटक का सैंपल लिया और शाम को वापस आने की बात कहकर हेडक्‍वाटर चले आए. हेडक्‍वाटर में जांच के दौरान पता चला कि उस शख्‍स द्वारा मुहैया कराया गया विस्‍फोटक बेहद हाई क्‍वालिटी का है. शाम को कमांडेंट संजीव एक बार फिर दिगड़ी गांव के लिए निकल पडे़. उनके पीछे सीआरपीएफ और स्‍थानीय पुलिस के कमांडो थे. कमांडेंट संजीव ने कमांडो दस्‍ते को निर्देश दिया था कि उनका इशारा मिलने के बाद ही वह मौके पर पहुंचे और उनके निर्देशानुसार कार्रवाई करें.

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बारिश ने बिगाड़ा खेल
कमांडेंट संजीव जिस समय दिगड़ी गांव पहुंचे उस समय बहुत तेज बारिश हो रही थी. तेज बारिश में आने के चलते आरोपी को शक हो गया कि ऐसी क्‍या जरूरत कि इनको घनघोर बारिश में आना पड़ा. इसी शक के चलते वह मौके से फरार हो गया. आरोपी के फरार होने के बाद सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस की टीम ने उसके घर की तलाशी ली. जिसके भीतर से विस्‍फोटक का जखीरा बरामद हुआ.

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समीपवर्ती माइन से हासिल करते थे जेलेटिन स्टिक
जांच में सुरक्षा बलों को पता चला कि दिगड़ी गांव के पास जादुगोरा माइंस हैं. जहां पर चट्टानों को उड़ाने के लिए जेलेटिन स्टिक का इस्‍तेमाल किया जाता है. इस शख्‍स ने माइंस के कुछ कर्मचारियों के साथ सांठगांठ कर रखी थी. कर्मचारी चट्टानों को उड़ाने के लिए जितने भी जेलेटिन स्टिक मिलते, उनमें आधे का इस्‍तेमाल करते और आधे गांव वालों को बेंच देते थे. गांव वाले इन जेले‍टिन स्टिक को नक्‍सलियों तक पहुंचाते थे.