नोटबंदी पर बिहार सरकार का रूख स्पष्ट करें नीतीश कुमार: चिराग पासवान
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नोटबंदी पर बिहार सरकार का रूख स्पष्ट करें नीतीश कुमार: चिराग पासवान

नोटबंदी के मोदी सरकार के फैसले को भ्रष्टाचार, कालाधन और आतंकवाद के खिलाफ जंग करार देते हुए लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष एवं सांसद चिराग पासवान ने कहा कि लालू प्रसाद की राजद और राहुल गांधी की कांग्रेस नोटबंदी का विरोध कर रही है, ऐसे में इस कदम का समर्थन करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य सरकार का रूख स्पष्ट करना चाहिए।

नोटबंदी पर बिहार सरकार का रूख स्पष्ट करें नीतीश कुमार: चिराग पासवान

नयी दिल्ली: नोटबंदी के मोदी सरकार के फैसले को भ्रष्टाचार, कालाधन और आतंकवाद के खिलाफ जंग करार देते हुए लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष एवं सांसद चिराग पासवान ने कहा कि लालू प्रसाद की राजद और राहुल गांधी की कांग्रेस नोटबंदी का विरोध कर रही है, ऐसे में इस कदम का समर्थन करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य सरकार का रूख स्पष्ट करना चाहिए।

चिराग पासवान ने कहा कि यह भी महत्वपूर्ण है कि नीतीश कुमार जहां एक ओर नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं, वहीं उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव इसका विरोध कर रहे हैं। नीतीश कुमार के भाजपा के करीब आने और राजग में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘नीतीशजी राजग गठबंधन के पुराने साथी रहे हैं। ऐसे समान विचारधारा वाले लोग अगर राजग में आते हैं तो इससे राजग को ही मजबूती मिलेगी। इस बारे में निर्णय जदयू और भाजपा को लेना है। भाजपा जो भी निर्णय लेगी, हम उसका स्वागत करेंगे।’ उन्होंने कहा कि यह दो दलों भाजपा और जदयू का आपसी मसला है।

बिहार में जदयू, राजद और कांग्रेस महागठबंधन की सरकार के बारे में एक सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ही हमारे अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कहा था कि यह सरकार दो-ढाई साल से अधिक नहीं चल पायेगी। अब एक साल का प्रदेश की महागठबंधन सरकार का कामकाज देखने के बाद यह स्पष्ट है कि नीतीश और लालू में कई मुद्दों पर मतभेद उभर कर सामने आए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बड़े नोटों को अमान्य करने के फैसले को क्रांतिकारी करार देते हुए जमुई से सांसद ने कहा कि नोटबंदी पर बिहार में महागठबंधन सरकार में इस मामले में एकराय नहीं है। नोटबंदी एक बहुत बड़ा फैसला है और इतने बड़े नीतिगत फैसले पर अगर जदयू, राजद और कांग्रेस में एक राय नहीं बनती है, तो छोटे-छोटे फैसले पर एकराय कैसे बनेगी।

चिराग पासवान ने कहा कि कांग्रेस संसद में नोटबंदी का विरोध कर रही है जबकि बिहार में नोटबंदी का समर्थन करने वाले जदयू के साथ सरकार में हिस्सेदार है। चिराग पासवान ने कहा कि हम कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से कहना चाहते हैं कि अगर नोटबंदी के निर्णय पर इतना ही एतराज है तो बिहार की महागठबंधन सरकार से बाहर क्यों नहीं हो जाते हैं। ‘राहुलजी की पार्टी नोटबंदी का विरोध भी कर रही है और बिहार में सत्तासुख भी उठाना चाहती है। यह विरोधाभास है।’ 

जमुई से सांसद ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर लालू प्रसाद की राजद नोटबंदी के इतने ही खिलाफ है तो बिहार में सत्ता में जदयू के साथ क्यों है? लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि अब समय आ गया है कि नीतीश कुमार नोटबंदी के मुद्दे पर बिहार सरकार का रूख स्पष्ट करें क्योंकि महागठबंधन की घटक राजद और कांग्रेस इसके खिलाफ है और जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव भी इसका विरोध कर रहे हैं।

लोजपा के विस्तार का जिक्र करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि लोजपा ने स्थापना के 16 वर्ष पूरे किये है और अब हमारा लक्ष्य आने वाले समय में प्रखंड, पंचायत और बूथ स्तर पर संगठन का विस्तार करना है। हम अगले छह से आठ महीने में इस कार्य को पूरा कर लेंगे, ऐसी हम उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में शत प्रतिशत सफलता हासिल करें। बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में पराजय के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमने इस बारे में मंथन किया है कि कहां चूक हो गई जिसकी वजह से अपेक्षा के विपरीत परिणाम सामने आए। हमें भरोसा है कि आने वाले चुनाव में इन गलतियों को नहीं दोहराया जायेगा।

उत्तरप्रदेश में आसन्न विधानसभा चुनाव के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर राजग के घटक के रूप में हम उत्तरप्रदेश में चुनाव लड़ेंगे। इस बारे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से एक बार मेरी बात हुई है। लेकिन नोटबंदी के कारण उत्पन्न स्थिति के बाद इस बारे में आगे बात नहीं हो पायी है। एक बार स्थिति शांत होती है तब फिर इस विषय पर अमित शाहजी से मुलाकात की जायेगी।