जेडीयू को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की कवायद तेज, कर्नाटक के बाद राजस्थान पहुंचे नीतीश
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जेडीयू को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की कवायद तेज, कर्नाटक के बाद राजस्थान पहुंचे नीतीश

नीतीश कुमार जदयू को अब क्षेत्रीय दायरे से बाहर निकालकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाना चाहते हैं. इसकी कवायद नीतीश कुमार ने पहले ही शुरू कर दी है. 

नीतीश कुमार ने बांसवाड़ा में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेडीयू को अब क्षेत्रीय दायरे से बाहर निकालकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाना चाहते हैं. इसकी कवायद नीतीश कुमार ने पहले ही शुरू कर दी है. आपको बता दें कि इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होना है और इसे ध्यान में रखकर नीतीश कुमार ने अब हर कदम  को सोच समझकर रखना शुरू कर दिया है. 

  1. राजस्थान के बांसवाड़ा में नीतीश कुमार ने किया कार्यकर्ताओं को संबोधित
  2. जेडीयू को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में जुटे नीतीश कुमार
  3. कर्नाटक के बाद बाकी राज्यों पर भी है नजर

दरअसल आज नीतीश कुमार राजस्थान के बांसवाड़ा पहुंचे जिसे समाजवादियों का गढ़ माना जाता है. स्व मामा बालेश्वर दास जैसे बड़े समाजवादी नेता के गढ़ में पहुंचे नीतीश कुमार ने जेडीयू कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. आज की तारीख में नीतीश कुमार सबसे बड़ा समाजवादी चेहरा माने जाते हैं. शरद यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने के दौरान ढीली पड़ गई जेडीयू की बागडोर अब नीतीश कुमार के हाथों में है. 

नीतीश कुमार ने बांसवाड़ा में संबोधन के दौरान स्व मामा बालेश्वर दास के कार्यों की तारीफ की. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कैस लोहिया और जय प्रकाश नारायण की वजह से वो समाजवादी नेता बने . उन्होंने कहा कि, मैं छात्र जीवन से लोहिया के विचारों से प्रेरित रहा हूं. उन्होंने समाज की कई कुरीतियों को दूर किया है. 1974 में जेपी जी के साथ काम करने का मौका मिला और इस दौरान काफी कुछ सीखा.' 

इस दौरान नीतीश कुमार ने अपने द्वारा किए गए कार्यों के बारे में कार्यकर्ताओं को बताया. नीतीश कुमार ने कहा, 'न्याय के साथ विकास करना अधिक महत्वपूर्ण है. न्याय के साथ विकास का मतलब होता है सभी तबकों का विकास. बिहार में भी जब मुझे काम करने का मौका मिला तब मैं भी इसी बात को ध्यान में रखता था. इसी को ध्यान में रखकर मैं नवंबर 2005 में जब मुख्यमंत्री बना तो ठीक तीन महीने बाद पंचायती चुनाव में महिलाओं को आरक्षण दिया गया और अति पिथड़ों को भी आरक्ष दिया . इसके अलावा नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि उनकी कोशिश होती है कि हर तबके के लोग विकास से जुड़ सकें और नीतीश कुमार ने कहा कि कैसे वो बतौर रेल मंत्री आदिवासी इलाकों से रेलवे को जोड़ने की कोशिश की.'

उन्होंने ये भी बताया कि बिहार का कोई गांव और टोला अब बिना बिजली के नहीं है. नीतीश कुमार ने बांसवाड़ा में शराबबंदी की भी बात की.शराबबंदी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में शराब पीने से सबसे अधिक नुकसान गरीब तबके को होता था.बिहार में महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर अवाज उठाया और तब जाकर नीतीश कुमार ने सुनिश्चित कर लिया कि बिहार में शराबंदी लागू की जाएगी.  

नीतीश कुमार जेडीयू का विस्तार करने में जुट चुके हैं और इसके मद्देनजर वो और भी राज्यों में जेडीयू का विस्तार कर सकते हैं. आपको बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी जेडीयू ने कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था. लेकिन अब बाकी राज्यों में चुनाव में क्या होगा इसका लोगों को भी इंतजार रहेगा.