Patna: बिहार में अब धऱना प्रदर्शन करना और उसमें शामिल होना महंगा पड़ सकता है. ऐसा हम नहीं बल्कि सरकार का कहना है. दरअसल, बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि, अगर को व्यक्ति धरना प्रदर्शन करता है तो उसे सरकारी नौकरी और सरकारी ठेका नहीं दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार, पुलिस मुख्यालय ने धरना प्रदर्श को रोकने के लिए  एक फरवरी को आदेश निकाला था. इस आदेश में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति धरना प्रदर्शन करता है तो उसे सरकारी नौकरी और सरकारी ठेके सरकार नहीं देगी.


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पुलिस की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि, 'यदि कोई व्यक्ति किसी विधि-व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम इत्यादि मामलों में संलिप्त होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्रारा औरोप पत्रित किया जाता है तो उनके संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाए. ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि उनमें सरकारी नौकरी/सरकारी ठेके आदि नहीं मिल पाएंगे.'



सरकार के इस आदेश के बाद बिहार में सियासत भी तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा, 'मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है?'


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गौरतलब है कि इससे पहले भी नीतीश कुमार सरकार ने बीते दिनों एक फरमान जारी किया था, जिसको लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा था. दरअसल, सरकार ने आदेश जारी किया था कि राज्य के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सोशल मीडिया (Social Media) पर गलत टिप्पणी करने वालों के खिलाफ अब कार्रवाई करेगी. सरकार धवि धूमल करने को लेकर ऐसे लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट (IT Act) के तहत कार्रवाई करेगी.


जानकारी के अनुसार, सरकार ने ऐसे टिप्पणी को साइबर अपराध की श्रैणी में लाने का फैसला किया है.  बिहार सरकार के आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने एक आदेश जारी कर कहा है, 'पुलिस अब सांसद, विधायक, मंत्री और कर्मचारियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत टिप्पणी करने वालों के खिलाफ एक्शन लेगी. साथ ही ऐसे कार्यों को साइबर अपराध की श्रैणी में माना जाएगा और कानून के तहत कार्रवाई होगी.' इतना ही नहीं, आर्थिक अपराध इकाई ने राज्य के सभी विभागों के प्रधान सचिव सचिव को पत्र लिखकर ऐसे पोस्ट के बारे में जानकारी भी मांगी है. मतलब साफ है कि अब ऐसे टिप्पणी करने वालों को जेल होगी.