पटनाः बिहार में एक सनसनी खेज वारदात का खुलासा हुआ है. यहां बीते साल एक 4 साल के बच्चे का अपहरण हो गया था. इस बच्चे की खोजबीन में जुटी पुलिस ने बुधवार को सालभर बाद बरामद किया है. बच्चे के मां-बाप अपने जिगर के टुकड़े को देखने की उम्मीद ही खो चुके थे, लेकिन जब आज पुलिस ने उन्हें उनके बेटे को सौंपा तो जैसे उनके जिस्मों में फिर से जान आ गई. अपने आंखों के तारे को पाकर माता-पिता खुशी के आंसू रोये जा रहे थे. इस बच्चे के अपहरण में एक और बड़ी बात सामने आई है. पुलिस की ओर से बताया गया कि इस बच्चे को इस एक साल में दो से तीन बार खरीदा-बेचा गया है. 


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बीते साल 1 अक्टूबर को लापता हुआ था बच्चा
जानकारी के मुताबिक, 11 माह बाद सकुशल बरामद हुआ 5 साल का आनन्द, सोनपुर के पहलेजा थाना के कसमर गाँव से 1अक्टूबर को अचानक लापता हो गया था. आनंद के पिता राजेश साह ने पुत्र के घर के दरवाजे से अपहरण होने का मामला दर्ज कराया था. सारण एसपी के आदेश पर अपर पुलिस अधीक्षक सह अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सोनपुर के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. छानबीन से पाया गया कि ग्राम कसमर नवादा के ही पड़ोसी आशा देवी द्वारा अपहृत बच्चा को किसी महिला से बेच दिया गया है.


पहले 56 हजार में बिका
इस सूचना के आधार पर दिनांक 7 अगस्त को उक्त महिला आशा देवी को पूछताछ हेतु थाने लाया गया. पूछताछ के क्रम में उसने अपराध स्वीकार किया. आरोपी ने बताया कि 56 हजार रुपये में उसने अपनी चचेरी बहन किरन देवी जो हाजीपुर के सदर थाना इलाके के गदाई में रहती है उसके हाथों बेच दिया था. उन रुपयों से उसने जेवरात खरीद लिए थे. आशा देवी के बयान पर हाजीपुर से किरण देवी को पकड़ लिया गया तो उन्होंने पूछताछ में बच्चे को खरीदा जाना स्वीकार किया. साथ ही बताया कि इस बच्चे को 2,80000 रुपये में बेलसर थाना के मिश्रबलिया गाँव निवासी संजीव कुमार के हाथों बेच दिया. संजीव ने बच्चे को मुम्बई के आदमी के हाथों बेच दिया. 


13 अगस्त को हुआ बरामद
किरण देवी के निशानदेही पर संजीव कुमार से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि मुम्बई के एक बाण्डेया भगत उर्फ मोरेश्वर पाण्डुरंग भगत ग्राम -मेरपाडा थाना -अलीबाग जिला- रायगढ़ के हाथों बच्चे को 05 लाख रुपये में बेचा गया है. संजीव कुमार की निशानदेही पर महाराष्ट्र के ग्राम रायबाड़ी थाना अलीबाग जिला रायगढ़ निवासी ज्योति भाल चन्द्र बानकर पति मालचन्द्र नागु बानकर के घर से अपहृता बच्चा आनंद कुमार को महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से 13 अगस्त को बरामद किया गया है. पुलिस ने इस मामले में बच्चा खरीदार समेत 5 लोगों को जेल भेज दिया है. जिसमें तीन महिलाएं शामिल हैं. अगवा बच्चे को उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया. बार-बार बेचे जाने और महाराष्ट्र के कई इलाकों में रहने के कारण बच्चे पर इतना असर पड़ा है कि अब वो हिंदी नहीं बल्कि मराठी बोलता है.