पटना: पटना पुलिस ने पुलिस ने एक कार चालक हत्या मामले में संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में पुलिस ने मुख्य सरगना समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तारी किया है. ग्रामीण एसपी रोशन कुमार ने इसकी पुष्टि की. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में जेल में अपरोपियों की दोस्ती हुई थी. बाहर निकलने के बाद इन लोगों ने अपना गिरोह बना लिया. ग्रामीण एसपी रोशन कुमार ने बताया कि बीते 2 मार्च को हाथीदह में कार ओनर द्वारा मामला दर्ज कराया गया. इस मामले के संज्ञान में आते ही पुलिस ने शुरुआती दौर में कुल चार शामिल लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जिसके बाद कार लूट और चालक की हत्या मामले के मास्टरमाइंड वरुण पासवान , मनीष कुमार और रिशु कुमार की गिरफ्तारी हुई.


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इनके निशानदेही पर झारखंड से लूट कर बेचा गया स्विफ्ट डिजायर कार BR 01 PP 8776 को बरामद किया गया है. ग्रामीण एसपी रोशन कुमार ने कहा कि पूछताछ में लूटपाट डकैती ठगी एवं चोरी का मास्टरमाइंड वरुण पासवान ने बताया कि कोविद काल के दौरान गिरफ्तार अपराधकर्मी अमन कुमार से उसकी जान पहचान जेल में ही हुई थी. वहीं जेल से निकलने के बाद उन्होंने सात लोगों का एक संगठित गिरोह तैयार किया और अंतर राज्य गृह के रूप में घटनाओं को अंजाम देने के बाद लूट गए सामानों और कार को ठिकाने लगाने का कार्य करते थे. गिरफ्तार अपराधकर्मी अमन कुमार के विरोध पूर्व से लूट डकैती चोरी आम सेट उत्पाद अधिनियम एवं ठगी के कुल 11 मामले दर्ज हैं.


वहीं मास्टरमाइंड वरुण पासवान एवं मनीष कुमार के विरुद्ध लूट,चोरी, डकैतों ठगी जैसे 7/7 मामले दर्ज है. फिलहाल इस संगठित गिरोह के पकड़ में आने से ऐसी घटनाओं पर कमी आने की आशंका पुलिस ने जताई है. जानकारी के अनुसार गिरफ्तार अपराधी अमित कुमार सिंह, सुनील पंडित, अमन कुमार, रौशन कुमार, मनीष कुमार उर्फ रिंकू, वरूण पासवान, रिशु कुमार पर 18 से अधिक आपराधिक कांड दर्ज हैं. वहीं घटना के दिन अपराधियों ने विपिन कुमार को फोन करके दानापुर से खगड़िया जाने के लिए गाड़ी बुक की थी. बीच में मोकामा टाल औंटा फोर लेन हाथीदह के पास कार चालक की सीट बेल्ट से गला घोंटकर हत्या कर दी. इसके बाद बेगूसराय के सिमरिया घाट के पास रोड किनारे शव फेंक दिया था.


इनपुट- प्रकाश सिंहा


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