पटना : बिहार में नीतीश के साथ और नीतीश से अलग उपेंद्र कुशवाहा के बयानों का अंतर देखिए. जबतक नीतीश कुमार के साथ थे तो कहते रहे कि नीतीश बेहतरीन पीएम उम्मीदवार हैं और अब कुशवाहा ताल ठोंककर कह रहे हैं कि नीतीश कुमार पीएम तो नहीं बन सकते. वैसे भी इन दिनों नीतीश के लिए बिहार के सियासत में कुछ खास अच्छा दिन नहीं चल रहा है, एक तरफ भाजपा नीतीश को घेरे पड़ी है तो वहीं दूसरी तरफ नीतीश के खिलाफ महागठबंधन के अन्य घटक दलों के नेता भी लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. 


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नीतीश के खिलाफ राजद नेता सुधाकर सिंह मोर्चा खोले खड़े हैं. तो वहीं नीतीश कुमार को अपने करीबी रहे प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह से भी टकराना पड़ रहा है. अब नीतीश के एक और सबसे करीबी उपेंद्र कुशवाहा ने तो नीतीश और तेजस्वी के बीच डील की बात शुरू की तो हंगामा मच गया. कुशवाहा को पार्टी छोड़नी पड़ी लेकिन वह अपनी बात पर अभी तक अड़े हुए हैं. मतलब साफ है कि बिहार में कई अलग-अलग फॉर्मूले नीतीश कुमार के खिलाफ काम कर रहे हैं. 


बिहार में नीतीश के खिलाफ प्रशांत किशोर यात्रा पर हैं. आरसीपी सिंह खुद उनके खिलाफ लोगों से मिल रहे हैं. नीतीश अपनी बात जनता से करने के लिए समाधान यात्रा पर थे. अब उपेंद्र कुशवाहा अपनी बात लेकर जनता के बीच पहुंच गए हैं.  कुशवाहा की 'विरासत बचाओ नमन यात्रा' से आप समझ गए हैं कि इस यात्रा का उद्देश्य क्या है. दरअसल कुशवाहा का विरोध इस बात को लेकर रहा है कि तेजस्वी यादव को नीतीश का उत्तराधिकारी नहीं माना जा सकता. जबकि कुशवाहा यह भी कहते रहे हैं नीतीश और तेजस्वी के बीच इसी को लेकर डील हुई है. 


अब नीतीश कुमार पर एक बार फिर से तीखा हमला करते हुए कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने राजद के सामने सरेंडर कर दिया. वह इतना कमजोर हो गए हैं कि उनके लिए अब राजनीति में कुछ भी बचा नहीं हैं. कुशवाहा ने कहा कि राजद के सामने सरेंडर करनेवाले नीतीश अब पीएम तो छोड़िए चुनाव जीतकर गांव के मुखिया भी नहीं बन सकते. कुशवाहा ने समस्तीपुर में यह बात कही. कुशवाहा ने कहा कि जदयू अब लगातार कमजोर हो रही है. एक-एककर लोग पार्टी छोड़कर बाहर निकल रहे हैं. 


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