पटना : Y Plus category security to Upendra Kushwaha: राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता. कभी भाजपा के साथ रहनेवाले मुकेश सहनी अब नीतीश के साथ महागठबंधन में आ गए वहीं दूसरी तरफ नीतीश के सबसे करीबी रहे उपेंद्र कुशवाहा ने भी उनका साथ छोड़कर अपनी नई पार्टी के गठन की घोषणा कर दी. एक तरफ मुकेश सहनी का झुकाव फिर से भाजपा की तरफ है तो वहीं दूसरी तरफ 2014 में अपनी पार्टी के साथ एनडीए गठबंधन में रहे उपेंद्र कुशवाहा को भी फिर से भाजपा का साथ पसंद आ रहा है. यहां तक तो ठीक है लेकिन दोनों की नेताओं को केंद्रीय गृह मंत्रासय की अनुशंसा पर Y प्लस सिक्युरिटी की घोषणा की गई है. 


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उपेंद्र कुशवाहा को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देने से कुछ दिनों पहले ही विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी को भी यह वीआईपी की सुरक्षा देने का फैसला लिया गया. आपको बता दें की केंद्रीय गृहमंत्रालय को दोनों की सुरक्षा को लेकर आईबी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्रालय की तरफ से दोनों नेताओं को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा की घोषणा हुई है. 


नीतीश से अलग होकर आरएलजेडी (RLJD) का फिर से गठन करनेवाले और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र की तरफ से अब वाई प्लस की सिक्योरिटी मिलेगी. उपेंद्र कुशवाहा को भी ये सुरक्षा आईबी की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है. बता दें कि चिराग पासवान, मुकेश सहनी और अब उपेंद्र कुशवाहा की सुरक्षा के बढ़ाए जाने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि आखिर भाजपा का प्लान क्या है. 


बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. जब 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश भाजपा से अलग ताल ठोंक रहे थे तो कुशवाहा नरेंद्र मोदी के साथ खड़े थे. बाद में वह जेडीयू से जुड़े और एक बार फिर नीतीश से अनबन के बाद उन्होंने अपनी पार्टी को फिर से जिंदा करने के लिए जेडीयू से नाता तोड़ लिया. ऐसे में केंद्र सरकार कुशवाहा की सुरक्षा में किसी तरह के खिलवाड़ की गुंजाइश नहीं रखना चाहती है. 


अभी लोकसभा चुनाव 2024 में होना है इसके बाद बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव भी होगा. ऐसे में राजनीतिक दलों के नेताओं को लगने लगा है कि भाजपा इसे एक प्लान के तहत कर रही है. बता दें कि चिराग पासवान को तो बिहार में जेड सुरक्षा मिलती है जबकि Y सुरक्षा घेरा तो हमेशा उनके साथ रहता है. केंद्र सरकार की तरफ से वीआईपी लोगों के लिए चार X, Y, Y+, Z और Z+ सुरक्षा मिलती है. 


ऐसे में अब जब कुशवाहा को Y प्लस सुरक्षा घेरा प्रदान किया जा रहा है तो उनके साथ कम से कम 11 सुरक्षाकर्मी रहेंगे.अब कुशवाहा के साथ सीआईएसएफ के जवान, साथ में दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर और पुलिसकर्मी आदि भी रहेंगे.


यह सामान्य सी प्रक्रिया हो सकती है लेकिन चुनाव के करीब आते ही नेताओं को जिस तरह से धड़ाधड़ सुरक्षा दी जाने लगी है. इसको लेकर ही सवाल उठ रहे हैं. बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 में और लोकसभा चुनाव तो 2024 में ही होना है. बिहार पर बीजेपी का फोकस पहले से ज्यादा है, यह बिहार के राजनीतिक हालात और नेताओं को दी जा रही सुरक्षा से स्पष्ट हो गया है. 


बता दें कि इससे पहले यूपी, पंजाब और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले कई नेताओं की सुरक्षा में इजाफा किया गया था. बिहार में भी 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले जीतन राम मांझी और पप्पू यादव की सुरक्षा बढ़ाई गई थी. 


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