बिहार के जातीय समीकरण से चिंतित भाजपा नेताओं को अमित शाह ने बताया जीत का फॉर्मूला, सीएम चेहरे की तलाश जारी
बिहार की राजनीति में जब से नीतीश कुमार और लालू यादव एक साथ आए हैं. तभी से तमाम राजनीतिक विश्लेषक और भाजपा विरोधी दल यह दावा कर रहे हैं कि बिहार में भाजपा की हार तय है.
पटनाः बिहार की राजनीति में जब से नीतीश कुमार और लालू यादव एक साथ आए हैं. तभी से तमाम राजनीतिक विश्लेषक और भाजपा विरोधी दल यह दावा कर रहे हैं कि बिहार में भाजपा की हार तय है. जातीय और सामाजिक समीकरण के आंकड़ों को देखते हुए यह दावा किया जाता है कि नीतीश कुमार और लालू यादव महागठबंधन बिहार में भाजपा से काफी आगे है. आंकड़ों का यह गणित और पिछले कुछ चुनावों का इतिहास इतना ज्यादा हावी है कि भाजपा के कई नेता भी जीत को लेकर शंकित है.
बिहार के जातीय समीकरण और आंकड़ों से चिंतित बिहार भाजपा के नेताओं की तमाम शंकाओं का समाधान करते हुए भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्णिया और किशनगंज के दौरे के दौरान उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए जीत का मंत्र दिया. अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के अखिलेश-मायावती गठबंधन का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भी जातीय समीकरण उनके पक्ष में होने की बात कहीं जा रही थी, लेकिन विकास को लेकर लोगों की उम्मीदों ने तमाम जातीय समीकरण को ध्वस्त कर दिया.
'लोग जाति नहीं विकास को लेकर करेंगे वोट'
बताया जा रहा है कि अमित शाह ने बिहार के लोगों की बदलती सोच का हवाला देते हुए कहा कि बिहार के लोग इस बार जाति नहीं विकास को लेकर वोट करेंगे और इस बार एमवाई (मुस्लिम-यादव ) समीकरण भी बिहार के चुनाव में काम नहीं करेगा. बताया जा रहा है कि, 2025 के राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी हालांकि इसके लिए सभी नेताओं को 2024 के लोकसभा चुनाव में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा. भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार में 35 प्लस सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है और लोक सभा चुनाव के नतीजे ही यह तय करेंगे कि भाजपा अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएगी या नहीं और बनाएगी तो किसे?
बिहार में जीत दिलाने की अमित शाह ने संभाली कमान
बिहार में पार्टी को जीत दिलाने की कमान एक तरह से अमित शाह ने स्वयं संभाल ली है. अमित शाह आने वाले दिनों में लगातार बिहार के अलग-अलग जिलों का दौरा करेंगे, राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने और पार्टी का जनाधार बढ़ाने को लेकर नेताओं से चर्चा कर रणनीति बनाएंगे. जमीनी धरातल पर इसे लागू करने की कोशिश पर नजर भी बनाएं रखेंगे.
(इनपुट-आईएएनएस)
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