नीतीश कुमार ने भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस-युक्त 'मुख्य मोर्चा' का किया आह्वान
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नीतीश कुमार ने भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस-युक्त 'मुख्य मोर्चा' का किया आह्वान

CM Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को 2024 के संसदीय चुनावों में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस के साथ एक 'मुख्य मोर्चा' बनाने का आह्वान कर दिया है.

नीतीश कुमार ने भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस-युक्त 'मुख्य मोर्चा' का किया आह्वान

पटना/नई दिल्लीः CM Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को 2024 के संसदीय चुनावों में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस के साथ एक 'मुख्य मोर्चा' बनाने का आह्वान कर दिया है. पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व. चौधरी देवीलाल की 109वीं जयंती पर रविवार को इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) द्वारा हरियाणा के फतेहाबाद में सम्मान दिवस रैली का आयोजन किया गया. जिसमें एनसीपी के शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू) नेता नीतीश कुमार और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल समेत कई विपक्षी नेता शामिल हुए और केंद्र से भाजपा सरकार को बाहर करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया.

राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और सीपीएम के सीताराम येचुरी भी इनेलो संस्थापक देवीलाल की जयंती के अवसर पर रैली में शामिल हुए. रैली में, नीतीश कुमार ने कांग्रेस को मुख्य विपक्षी दल के रूप में शामिल करने का भी आह्वान किया. हालांकि, रैली के आयोजक इनेलो और उसके सहयोगी शिअद के कांग्रेस के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध नहीं हैं.

'हिंदुओं-मुसलमानों के बीच कोई विवाद नहीं'
नीतीश कुमार ने दोहराया कि वह प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं. अब तीसरे मोर्चे का कोई सवाल ही नहीं है और बीजेपी को बुरी तरह हराने के लिए विपक्ष के मुख्य मोर्चे की जरूरत है. मैं कांग्रेस समेत सभी दलों से एक साथ आने का आग्रह करूंगा. मेरी एक ही इच्छा है कि हम सभी को राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ आने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कोई विवाद नहीं है. बंटवारे के समय भारत में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमान थे.

'नीतीश कुमार का कोई निहित स्वार्थ नहीं था'
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार का भाजपा से अलग होने का 'निडर' फैसला पार्टी के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा. नीतीश कुमार का कोई निहित स्वार्थ नहीं था, लेकिन उनकी एकमात्र महत्वाकांक्षा सांप्रदायिक ताकतों को उखाड़ फेंकने की थी. सुखबीर बादल समान विचारधारा वाले दलों के संयुक्त मोर्चा बनाने के आह्वान में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी, शिवसेना और जदयू के साथ, असली एनडीए हैं क्योंकि उन्होंने गठबंधन की स्थापना की थी.

राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि इनेलो ने इस रैली के माध्यम से 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने के लिए तीसरे मोर्चे के गठन की शुरुआत को पेश करने की कोशिश की. हालांकि, देवी लाल के परपोते दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) इनेलो से अलग हुआ समूह, राज्य में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री है. दुष्यंत चौटाला को इनेलो से निष्कासित कर दिया गया था. जब पार्टी के संरक्षक ओपी चौटाला, उनके दादा ने अपने छोटे बेटे अभय चौटाला को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में चुना था.
(इनपुट-आईएएनएस)

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