Patna: सोनपुर के मेले में प्रख्यात कवयित्री अनामिका अंबर का अपमान किए जाने का आरोप है. बताया गया कि यहां हरिहर क्षेत्र में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का 25 नवंबर को आयोजन किया गया था. इसमें शामिल होने के लिए कई कवियों को निमंत्रण भेजा गया था. अनामिक अंबर भी इन कवियों में शामिल थीं, लेकिन उन्हें ऐन वक्त पर काव्य पाठ से मना कर दिया गया. इसके बाद अन्य कवि भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. अनामिका अंबर ने इसकी जानकारी अपने फेसबुक लाइव से दर्शकों के साथ साझा की है. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उन्होंने बताया कि वे काव्य पाठ पढ़ने के लिए सोनपुर मेला पहुंची थी. जिस बीच स्टेज पर शो शुरू होने से पहले प्रशासन के द्वारा उन्हें काव्य पाठ पढ़ने से रोक दिया गया.


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फेसबुक लाइव में दी जानकारी
फेसबुक लाइव में अनामिका अंबर ने बताया कि करीब एक महीने पहले उन्हें इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया था. उन्होंने फेसबुक लाइव पटना के एयरपोर्ट से किया था. अनामिका अंबर ने कहा कि उन्हें बहुत दुख है कि वे बिना काव्य पाठ पढ़े वापस जा रही हैं. उन्होंने बताया कि वे कार्यक्रम में मौजूद थी जब उन्हें मंच पर जाने से मना कर दिया कि वे काव्य पाठ नहीं करेगी. अनामिका अंबर का कहना कि काव्यपाठ न पढ़ने देने का कारण यह है कि राष्ट्र की बात करना और सच्चाई की बात करना किसी सरकार को इतना परेशान कर सकता है. उन्होंने अपनी निराशा व्यक्त की और कहा कि वे अपने दर्शकों के लिए काव्य पाठ नहीं कर पाई.


साथी कवियों को दिया धन्यवाद
उन्होंने आगे कहा कि पिछले दिनों जो भक्ति गीत वायरल हुए हैं. जिसके कारण उन्हें काव्यपाठ नहीं करने दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि करीब दो से तीन घंटे बात करने के बाद यह निष्कर्ष निकला कि अनामिका अंबर काव्य पाठ नहीं करेगी. इसके अलावा उन्होंने अपने साथी कवियों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सौरव सुमन, प्रतीक गुप्ता, प्रशांत बजरंगी का बहुत धन्यवाद जिन्होंने उनका साथ दिया. उनके साथ कवियों ने कहा कि अगर अनामिका अंबर काव्य पाठ नहीं करेंगी तो वे भी नहीं करेंगे.


कहा- फैलाई गई अफवाह
इसके अलावा उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ अफवाह फैलाई गई है कि वे सोनपुर मेले में नहीं पहुंची हैं. वे दिल्ली जाने के लिए पटना एयरपोर्ट पर बैठी थी. उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत दुख है कि वे दिनकर जी की धरती से यानी पटना से बिना कविता पढ़े जा रही हैं. उनका कहना है कि सरकार को अपने बारे में सुनना चाहिए और उन्होंने कहा कि वे नहीं जानती कि सरकार को उनसे किस बात का डर है.


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