Signs of Angry Ancestors: हिंदू धर्म में पितरों का विशेष महत्व है और माना जाता है कि पितृ मरने के बाद भी अपने परिवार को आशीर्वाद देते रहते हैं. आचार्य मदन मोहन के अनुसार यदि पितृ प्रसन्न होते हैं तो वे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं, लेकिन अगर वे नाराज हो जाएं, तो परिवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. पितृ नाराज होने पर कुछ संकेत देते हैं, जिनके जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि वे आपसे नाराज हैं.


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पितरों की नाराजगी के संकेत
अज्ञात भय और चिंता: यदि आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को बिना किसी वजह के डर या चिंता सताती है, तो यह पितरों की नाराजगी का संकेत हो सकता है.


खाते समय बाल गिरना: खाना खाते समय बार-बार बाल गिरने की समस्या हो रही हो, तो यह पितृ दोष का संकेत हो सकता है.


दुर्गंध या बदबू आना: घर की पूरी सफाई के बाद भी अगर कहीं से दुर्गंध आती है और इसका स्रोत समझ नहीं आता, तो यह पितरों की नाराजगी का इशारा हो सकता है.


सपनों में पितरों का दिखना: अगर सपनों में पितर दुखी या रोते हुए नजर आते हैं, तो यह भी एक नकारात्मक संकेत होता है.


शुभ कार्यों में बाधा: अगर किसी शुभ या मांगलिक कार्य में बार-बार रुकावटें आ रही हैं या कोई अनहोनी हो रही है, तो यह पितरों की नाराजगी का संकेत हो सकता है.


विवाह और संतान संबंधी समस्याएं: अगर परिवार का कोई सदस्य विवाह योग्य होते हुए भी शादी नहीं कर पा रहा है, या संतान सुख से वंचित है, तो यह भी पितरों की नाराजगी की वजह हो सकती है.


पितरों की नाराजगी दूर करने के उपाय
आचार्य मदन मोहन के अनुसार पितरों के लिए पिंडदान करें, जिससे वे संतुष्ट हो सकें. कुआं, तालाब या पोखर का निर्माण कराएं, जिससे उनका आशीर्वाद मिले. साथ ही किसी मंदिर में बरगद या पीपल का पेड़ लगाएं और उसकी पूजा करें. अमावस्या के दिन किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को दूध, चीनी, कपड़े या दक्षिणा का दान करें. पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करने से भी पितृ दोष कम होता है और पितर प्रसन्न होते हैं. इन उपायों को करने से पितरों की नाराजगी दूर हो सकती है और वे परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देंगे.


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