Aaj Ka Panchang 07 September 2024: आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है, जिसे गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन चित्रा नक्षत्र और ब्रह्म योग का विशेष संयोग बन रहा है, जो इसे और भी शुभ बनाता है. दिन का सबसे शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त होगा, जो सुबह 11:50 से 12:40 बजे तक रहेगा. राहुकाल सुबह 09:09 से 10:42 बजे तक रहेगा. आज चंद्रमा तुला राशि में विराजमान हैं.


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पंचांग क्या है?
आचार्य मदन मोहन के अनुसार पंचांग को वैदिक पंचांग भी कहा जाता है, जो समय और काल की गणना का सटीक तरीका है. यह पांच अंगों से मिलकर बना होता है: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण. इन अंगों के आधार पर शुभ-अशुभ समय की जानकारी मिलती है, जिससे हम अपने दिन की योजना बना सकते हैं.


तिथि
तिथि चंद्रमा की स्थिति पर आधारित होती है. एक महीने में 30 तिथियां होती हैं, जो शुक्ल और कृष्ण पक्ष में बंटी होती हैं. शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है. तिथियों के नाम इस प्रकार हैं: प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, और पूर्णिमा/अमावस्या.


नक्षत्र
आकाश में तारों के समूह को नक्षत्र कहते हैं. 27 नक्षत्र होते हैं और हर नक्षत्र का अपना विशेष प्रभाव होता है. नक्षत्रों के नाम हैं: अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती.


वार
वार सप्ताह के दिन होते हैं. सप्ताह में सात वार होते हैं: सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार. हर दिन एक ग्रह से जुड़ा होता है, जैसे शनिवार शनि ग्रह का दिन होता है.


योग
योग भी 27 प्रकार के होते हैं, जो सूर्य और चंद्रमा की विशेष स्थिति पर आधारित होते हैं. योगों के नाम हैं: विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति. हर योग का अपना खास असर होता है, जो हमारे जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालता है.


करण
तिथि को दो हिस्सों में बांटा जाता है और हर हिस्से को करण कहा जाता है. कुल 11 करण होते हैं: बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न. विष्टि करण को भद्रा भी कहा जाता है, जिसमें कोई शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है.


आज के दिन इन पांच अंगों के आधार पर आप अपने दिन की योजना बना सकते हैं. खासकर गणेश चतुर्थी के अवसर पर शुभ मुहूर्त में पूजा-अर्चना करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है.


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