पटनाः Awadh Bihari Chowdhary: सिवान के 'गांधी' के तौर पर विख्यात वरिष्ठ राजनीतिज्ञ अवध बिहारी चौधरी वर्तमान में सिवान विधानसभा से विधायक हैं. यह खबर सिवान के लिए बेहद गौरवशाली है. सिवान के 'गांधी' के तौर पर प्रख्यात 76 वर्षीय अवध बिहारी चौधरी कौमी एकता के संदर्भ में कश्मीरियत के गंगा जमुनी तहजीब, आम जन के सशक्तिकरण को प्रेरित जम्हूरियत और समाज के अंतिम पायदान पर मौजूद लोगों के प्रति इंसानियत के भाव में विशेष श्रद्धा रखते हैं. सिवान में अवध बिहारी चौधरी की लोकप्रियता का प्रमुख कारण उनका विनम्र और माधुर्यपूर्ण व्यक्तित्व है. सभी दलों के राजनीतिज्ञ उनका सम्मान करते रहे हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और राबड़ी देवी से उनके बेहद स्नेहपूर्ण संबंध रहे हैं. आम जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता उनकी विशेष पहचान रही है. सिवान में सामाजिक गतिविधियों में उनकी भागीदारी सदैव देखी जाती रहती है.


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सिवान से छह बार बने विधायक
बता दें कि विज्ञान में स्नातक अवध बिहारी चौधरी राष्ट्रीय जनता दल के पुराने नेता हैं. ये पिछड़ी जाति से आते हैं. इनकी गिनती आरजेडी से जुड़े चंद पुराने लोगों में होती है. 2020 में वे छठी बार सिवान सदर सीट से विधायक निर्वाचित हुए. इससे पहले अवध बिहारी चौधरी वर्ष 1985, 1990, 1995, 2000 और फरवरी 2005 फरवरी के बिहार विधानसभा चुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंच चुके हैं. ये बिहार सरकार में कई वर्षों तक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवा प्रदान कर चुके हैं.


पहली बार वें कांग्रेस (यू) से 1980 में चुनाव लड़े लेकिन भाजपा के दिग्गज जनार्दन तिवारी से हार गये. 1985 के चुनाव में उन्होंने भाजपा के जनार्दन तिवारी को हरा कर बदला ले लिया. उसके बाद वे लगातार 2005 फरवरी तक विधानसभा चुनाव जीतते रहे. अक्टूबर 2005, 2010 के चुनाव में वे भाजपा के व्यासदेव प्रसाद से चुनाव हार गये. 2020 के चुनाव में भाजपा के ओम प्रकाश यादव को संघर्षपूर्ण मुकाबले में हराया. चौधरी को 76 हजार 785 मत मिले. वहीं भाजपा को 74 हजार 812 मत मिले. विजय कुमार सिन्हा से वे स्पीकर का चुनाव हार चुके थे. तब वे राजद प्रत्याशी थे. 


विनम्रता और माधुर्य पूर्ण व्यवहार से बेहद लोकप्रिय
आरजेडी नेता अवध बिहारी चौधरी की सिवान सदर विधानसभा क्षेत्र में काफी मजबूत पकड़ मानी जाती है. इनके विनम्र स्वभाव के कारण इनकी लोकप्रियता सिवान में बहुत ज्यादा रही है. आम जनता के नेता के तौर पर जाने जाते रहे हैं. 


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