पटनाः Basant Panchami Mantra: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है. यह पर्व गुप्त नवरात्रि की पंचमी तिथि के बीच आता है. मां सरस्वती की पूजा इस त्योहार का सबसे मूल पर्व पूजा है. 


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1. सरस्वती बीज मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः.
ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः..
यह मंत्र देवी सरस्वती को प्रणाम करने के लिए है. इसके जरिए सरस्वती के इस मंत्र का जाप करने से बुद्धि और वाणी की शक्ति बढ़ती है.


2. सरस्वती ध्यान मंत्र
ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम्.
हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ॐ..


3. सरस्वती विद्या मंत्र
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि.
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा..
इससे स्मृति, अध्ययन में शक्ति और एकाग्रता में सुधार होता है.


4. श्री सरस्वती पुराणोक्त मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता. 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः..


5. सरस्वती मंत्र शक्तिशाली वाणी के लिए
इस सरस्वती मंत्र का एक लाख बार पाठ करें. इस सरस्वती मंत्र का पाठ करने से व्यक्ति बहुत सारा ज्ञान प्राप्त कर प्रसिद्ध हो जाता है.


वद वद वाग्वादिनी स्वाहा..
इस मंत्र का अर्थ है वाग देवी, मुझ पर वाणी की शक्ति को श्रेष्ठ करो.  इससे ठीक से ना बोल पाने वाले बच्चों के लिए, इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से उचित वाणी प्राप्त करने में मदद मिलती है और भविष्य में उनके संचार कौशल में भी सुधार होता है.


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