Bharat Ratna Award : भारत रत्न एक महत्वपूर्ण सम्मान है जो भारत सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता और सेवा के लिए दिया जाता है. इस सम्मान को 2 जनवरी 1954 को राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पहली बार शुरू किया था. सम्मान का उद्देश्य उन व्यक्तियों को मान्यता देना है जो नारी, कला, साहित्य, विज्ञान, राजनीति या सामाजिक क्षेत्र में अपना योगदान देते हैं. भारत रत्न का चयन पद्म पुरस्कारों की तुलना में अलग है. इसके लिए नामों की सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है और यह तीन व्यक्तियों को साल में ही दिया जाता है. इसमें किसी औपचारिक सिफारिश की आवश्यकता नहीं होती और योग्यता के आधार पर कोई भी व्यक्ति इसे प्राप्त कर सकता है.


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सरकारी महकमों में मिलती है सुविधा
भारत रत्न से सम्मानित व्यक्तियों को एक प्रमाणपत्र और मेडल मिलता है, लेकिन कोई धनराशि नहीं दी जाती. इसके साथ सरकारी महकमों में विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे कि रेलवे की मुफ्त यात्रा और सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने का अधिकार आदि. भारत रत्न से नवाजे गए व्यक्तियों को सरकारी न्यायिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए न्योता मिलता है और उन्हें विभिन्न सरकारी महकमों में जगह मिलती है.


कैसा होता है भारत रत्न
भारत रत्न का मेडल एक आकर्षक डिजाइन है, जिसमें तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूर्य बना हुआ है. पत्ते का किनारा भी प्लैटिनम का होता है और इसमें चांदी से हिंदी में 'भारत रत्न' लिखा होता है. मेडल के पीछे तरफ अशोक स्तंभ के नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा होता है.


कब दिया जाता है भारत रत्न
इसके अलावा भारत रत्न से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं. इस सम्मान को जीवन के दौरान या मौत के बाद भी दिया जा सकता है और 2013 में खेल क्षेत्र में भी शुरू किया गया. इससे पहले सचिन तेंदुलकर को 2014 में भारत रत्न से नवाजा गया. यह सम्मान गैर भारतीयों को भी मिल सकता है और इसमें क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, मदर टेरेसा, नेल्सन मंडेला, और ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान जैसे अनेक अभिजात व्यक्तियों को समाहित किया गया है.


भारत रत्न की ये है महत्वपूर्ण बातें
भारत रत्न का प्रमाणपत्र और मेडल मिलने के बावजूद इस सम्मान का एक महत्वपूर्ण पहलुईः इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को सरकारी कार्यक्रमों में विभिन्न विशेषाधिकार भी प्रदान किए जाते हैं. इससे उन्हें सम्मानित स्थानों पर जगह मिलती है और उन्हें निर्विघ्न कार्य करने का अधिकार होता है. भारत रत्न सम्मान की एक और रोचक बात यह है कि इसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति को अपने नाम से पहले या बाद में जोड़ा नहीं जा सकता, लेकिन वे इसे अपने बायोडेटा, लेटरहेड या विज़िटिंग कार्ड पर 'राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित' या 'भारत रत्न प्राप्तकर्ता' लिख सकते हैं.


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