पटना: Bihar News: बिहार सरकार के खान एवं भूविज्ञान विभाग ने राजस्व संग्रह लक्ष्य से कम होने पर चिंता व्यक्त की है. साथ ही अधिकारियों को वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले अपना काम ठीक से करने में विफल रहने पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है. बिहार में खनन राजस्व संग्रह लक्ष्य 2023-24 के लिए 3662.39 करोड़ रुपये है, जबकि 14 फरवरी 2024 तक महज 51.78 प्रतिशत यानी 1896.43 करोड़ रुपये ही हासिल हुआ है.


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खान एवं भूविज्ञान विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के अनुसार, बिहार ने 14 फरवरी 2024 तक खनन राजस्व संग्रह लक्ष्य का 51.78 प्रतिशत ही हासिल हुआ. नालंदा, कैमूर, गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद, लखीसराय, जमुई, मुंगेर, किशनगंज, बांका, भागलपुर और सारण सहित कई जिलों में राजस्व संग्रह 50 प्रतिशत से भी कम है. 


संबंधित दस्तावेज के अनुसार, अगर इन जिलों में राजस्व संग्रह में तुरंत वृद्धि नहीं हुई तो इन जिलों के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी. अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने लक्ष्य को हासिल करें. कुछ जिलों को छोड़कर अधिकतर जिलों का प्रदर्शन निम्न स्तर का रहा है. 


संबंधित जिला खनन अधिकारियों (डीएमओ) को प्रयास तेज करने और माफिया द्वारा अवैध खनन (बालू), परिवहन तथा भंडारण पर भी नकेल कसने के लिए कहा गया है. मुंगेर, नालंदा, बेगुसराय, नवादा, किशनगंज, कैमूर, भागलपुर, खगड़िया, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) और औरंगाबाद में भी शुल्क तथा राजस्व संग्रह संतोषजनक नहीं है. 


नाम उजागर न करने की शर्त पर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में खदानों और खनिजों से राजस्व संग्रह में काफी वृद्धि हुई है. खानों और खनिजों से कुल राजस्व संग्रह 2017-18 में 1082.72 करोड़ रुपये से अधिक तथा 2022-23 में 3000 करोड़ रुपये रहा था.’ 


इनपुट- भाषा के साथ 


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