Patna: बिहार के बेतिया से सांसद और BJP के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) लगातार अस्पतालों का दौरा कर रहे हैं. संजय जायसवाल खुद भी पेशे से डॉक्टर हैं इसलिए वह कोरोना (Corona) काल में अपने संसदीय क्षेत्र के हेल्थ वर्कर्स और डॉक्टर्स से मिलकर व्यवस्थाओं का हाल जानने में लगे हैं.


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संजय जायसवाल ने बेतिया मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का भी दौरा किया. वहां उन्होंने डॉक्टर्स के साथ मीटिंग बुलाई. लेकिन इस मीटिंग के दौरान कुछ ऐसी बातें हुई. जो संजय जायसवाल और डॉक्टर्स दोनों के लिए सुखद नहीं रही.


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MP के साथ मीटिंग से नदारद रहे डॉक्टर्स 
BJP के प्रदेश अध्यक्ष और बेतिया सांसद संजय जायसवाल ने जब जिले के मेडिकल कॉलेज का हाल जानने के लिए मीटिंग बुलाई. तब उन्होंने बिलकुल भी नहीं सोचा होगा कि इस गंभीर समय में डॉक्टर्स उनकी बात को गंभीरता से नहीं लेंगे. डॉक्टर्स की लंबी-चौड़ी फौज में से महज 25 से 30 डॉक्टर ही सांसद के साथ होने वाली बैठक में पहुंचे. 


बेहद कम डॉक्टर्स के आने पर सांसद महोदय भड़क गए. उन्होंने कई डॉक्टर्स को फोन कर उनसे न आने का कारण भी पूछा. इस दौरान कई डॉक्टर्स ने अटपटे बहाने बनाए. इससे संजय जायसवाल की नाराजगी खुलकर सामने आई और इस दौरान मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक पर आरोप भी लगे. 


डॉक्टर्स ने संसाधनों की कमी की खोली पोल 
एक तरफ सांसद महोदय डॉक्टर्स पर भड़क रहे थे. तो दूसरी तरफ डॉक्टर्स ने भी संसाधनों और सुविधाओं की कमी की पोल-पट्टी खोलकर रख दी. डॉक्टर्स ने सांसद के सामने जब कमियां गिनानी शुरु की. तो सांसद संजय जायसवाल के पास उन बातों का कोई जवाब नहीं था.


डॉक्टर्स ने BJP प्रदेश अध्यक्ष के सामने सच्चाई खोलकर रख दी और बताया कि जो जरूरी संसाधन होने चाहिए. वो भी उन्हें मुहैया नहीं कराए जाते है. वहीं, एक डॉक्टर ने सांसद के सामने खड़े होकर कहा कि 'उन्हें मास्क, सेनिटाइज़र, पीपीई किट, कैप जैसी चीजें भी उपलब्ध नहीं कराई जाती.' साथ हीं, डॉक्टर ने यह तक कहा कि 'अभी जो मास्क और कैप उन्होंने लगा रखा है, वह अस्पताल से नहीं मिला है. बल्कि उन्होंने  खुद से यह सारी व्यवस्था की है और सेनिटाइजर भी घर से लेकर आते है.' डॉक्टर की इस शिकायत पर सांसद के पास बोलने को कुछ नहीं था.


डॉक्टरों से नाराज MP ने नौकरी छोड़ने की दी सलाह 
डॉक्टर्स की सांसद महोदय के साथ मीटिंग खत्म तो हो गई. लेकिन इस दौरान सांसद महोदय की नाराजगी लगातार बनी रही. जब सांसद महोदय बैठक से बाहर निकले तो उन्होंने नाराजगी जाहिर कर दी. संजय जायसवाल ने कहा कि 'जो भी डॉक्टर दिल लगाकर अपनी जिम्मेदारियों को समझकर काम कर रहे हैं. उनका आभार है. लेकिन जो डॉक्टर लापरवाही बरत रहे हैं, वह या तो ठीक से काम करें या नौकरी छोड़कर चले जाएं.'


सांसद के बयान को विपक्ष ने 'भगवान' का अपमान बताया 
BJP प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने डॉक्टर्स को चेतावनी क्या दी. इधर, विपक्ष ने उन्हें आड़े हाथो ले लिया. विपक्ष ने इसे धरती के 'भगवान' का अपमान करार दिया है. विपक्ष ने कहा कि 'सरकार सिर्फ डॉक्टर्स पर दबाव बनाकर काम करवा रही है, लेकिन उन्हें किसी भी तरह की सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है.'


विपक्ष ने आरोप लगाया है कि 'बिहार सरकार ने अस्पतालों में किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं दी हैं. संसाधानों की कमी से अस्पताल जूझ रहे हैं. हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर सरकार ने कुछ भी नहीं किया है. लेकिन सरकार चाहती है कि डॉक्टर चुप रहें, कोई शिकायत न करें और अगर वह शिकायत करते हैं तो उन्हें नौकरी से हटाने की धमकी दी जाती है. जबकि बिना संसाधनों के काम करने की वजह से सैकड़ों की संख्या में डॉक्टर्स कोरोना संक्रमित हो रहे हैं.'


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एक्सपर्ट्स की दोनों पक्षों को जिम्मेदारी समझने की सलाह 
यह सच है कि इस मामले के दो पक्ष हैं. सांसद का कहना है कि कुछ डॉक्टर्स हैं जो लापरवाही बरत रहे हैं. उन्हें समझाना जरूरी है. जबकि डॉक्टरों की भी शिकायत है कि उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है. इस बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि 'सरकार ने कई अस्पतालों में बहुत सारी सुविधाएं दी हैं, लेकिन डॉक्टर्स या मेडिकल स्टाफ की लापरवाही से कई बार मरीजों की जान खतरे में पड़ जाती है. इसलिए सरकार की या जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी है कि वह इस पर तत्काल संज्ञान लें.'


वहीं एक्सपर्ट्स ने सरकार को भी सलाह दी है कि 'अस्पतालों को संसाधनों के मामले में इतना संपन्न बनाएं कि डॉक्टर्स के पास किसी भी तरह का बहाना न हो और वह अपनी बेहतर से बेहतर सेवा दे सकें. क्योंकि आम लोगों की जान बचाना ही सबका एकमात्र मकसद होना चाहिए. इसके लिए जो हो सकें, वह करना होगा. तभी कोरोना महामारी से  जंग जीत पाएंगे.'