पटना: तस्करी, यौन अपराध, अवैध खनन और आईटी अधिनियम के उल्लंघन पर नकेल कसने के लिए बिहार विधानसभा ने बृहस्पतिवार को बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक, 2024 और सार्वजनिक सुरक्षा प्रवर्तन विधेयक-2024 पारित कर दिया. राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव द्वारा पेश किये गये दोनों विधेयक ध्वनि मत से पारित किए गए. राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर इन्हें लागू किए जाने की तैयारी की जा रही है. इन विधेयकों के पारित होने के बाद, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार राज्य में सक्रिय भूमि, रेत और शराब माफिया को जिम्मेदार ठहराने के लिए प्रतिबद्ध है.


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उन्होंने जोर दिया कि ये विधेयक आपराधिक तत्वों से सख्ती से निपटने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं. बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक-2024 के तहत पुलिस को अपराध के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने और उनकी अवैध कमाई को जब्त करने का अधिकार होगा. सार्वजनिक सुरक्षा प्रवर्तन विधेयक-2024 के तहत, सरकार के पास सार्वजनिक स्थानों जैसे मंदिरों, वाणिज्यिक परिसरों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का अधिकार होगा. सार्वजनिक सुरक्षा के लिए निजी संस्थाओं को भी अपने परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने की आवश्यकता होगी और अनुपालन न करने पर जुर्माना लगाया जाएगा.


उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस बात पर जोर दिया कि इन नए कानूनों का उद्देश्य राज्य में संगठित अपराध पर अंकुश लगाना है, जिसमें अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शामिल है. ऊर्जा मंत्री यादव ने अपराध की घटनाओं को नियंत्रित करने, अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने और जनता के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाने में कानूनों की भूमिकाओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि शराब की तस्करी, अवैध रेत खनन और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए ये कानून विशेष रूप से प्रासंगिक हैं. अप्रैल, 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.


इनपुट- भाषा


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