सम्राट अशोक का रहस्यों से भरा कुआं, छुपे पडे़ हैं कई 'राज'
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सम्राट अशोक का रहस्यों से भरा कुआं, छुपे पडे़ हैं कई 'राज'

Bihar Samachar: बहुत से लोगों का कहना है कि इसमें सम्राट अशोक अपना खजाना रखते थे. 

 

सम्राट अशोक का रहस्यों से भरा कुआं. (तस्वीर साभार-ट्विटर)

Patna: बिहार की राजधानी पटना में एक रहस्यमयी कुआं मौजूद है. जिसका निर्माण सम्राट अशोक (Emperor Ashoka) ने अपने शासन में करवाया था. इस कुएं का नाम 'अगम कुआं' (Agam Kuan)है. जिसका शाब्दिक अर्थ पाताल है. इस कुएं को रहस्यमयी कुआं कहा जाता है और इससे कई कहानियां जुड़ी हैं. 

इतिहास
अगम कुआं सबसे पुराना कुआं है. इसका बड़ा ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि इसे मौर्य शासक अशोक के समय में बनवाया गया था और इस कुएं को अशोक का यातना गृह भी कहा जाता है. हालांकि अब इस कुएं से काफी धार्मिक आस्थाएं जुड़ गई हैं और इसे चमत्कारी शक्तियों का कुआं भी माना जाने लगा है. 

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जानकारी के अनुसार, आज की तुलना में उस दौरान 20 फीट की खुदाई पर ही पानी निकल आता था. लेकिन इस कुएं की गहराई 105 फीट बताई जाती है. आखिर इतने गहरे कुएं की खुदाई के पीछे क्या कारण रहा होगा? बहुत से लोगों का कहना है कि इसमें सम्राट अशोक अपना खजाना रखते थे.

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कुएं में फिंकवाया गया था भाइयों को
बिहार के इस प्राचीन कुएं से कई अनोखी बातें जुड़ी हैं. कहा जाता है कि सम्राट अशोक ने अपने 99 भाइयों को मारकर इसी कुएं में फिकवां दिया था. अशोक ने ऐसा इसलिए किया था ताकि वह राजा बन सके. 

वहीं, इस कुएं का जिक्र अशोक काल के दौरान आए एक चीनी यात्री ने अपनी पुस्तक में किया है, जिसमें कहा गया है कि अशोक अपने दुश्मनों की हत्या कर इसी कुएं में डलवा दिया करता था. हालांकि इस बात को लेकर भी एक भ्रम है क्योंकि अशोक की गिनती भारत के महान सम्राटों में किया जाती है.  

कभी नहीं सूखता कुआं
इस कुएं की रहस्यमयी बात लोगों को चौंका देती है कि इस प्राचीन कुएं का पानी कभी नहीं सूखता है और बाढ़ आने पर भी जलस्तर समान बना रहता है. वहीं, इस कुएं का पानी रंग भी बदलता है. 

इसके पीछे यह कहा जाता है कि एक बार किसी अंग्रेज की छड़ी बंगाल के गंगा सागर में गिर गई थी. जो बाद में इस कुएं से निकाली गई थी. छड़ी गंगासागर से होते हुए पाटलीपुत्र पहुंची और कुएं के पानी पर तैरती नजर आई थी. 

साथ हीं, कहा जाता है कि आज भी वो छड़ी कोलकाता के एक म्यूजियम में रखी हुई है. जानकारी के अनुसार. इस कुएं का निर्माण 273-232 ई में कराया गया था और कहा जाता है कि इस कुएं का पानी रंग भी बदलता है. 

किसने ढूंढ़ा कुएं का राज
कुएं की खोज ब्रिटिश खोजकर्ता लौरेंस वाडेल ने की थीं. खोजकर्ता वाडेल ने इस बात का उल्लेख किया है कि उस समय जब भी कोई धनी मुस्लिम व्यक्ति पाटलीपुत्र आया करता था तो वह इस कुएं में सोने-चांदी के सिक्के डालता था. इसके अलावा डकैत भी अपना काम में सफलता पाने के बाद इस कुएं में कुछ डाला करते थे. 

धार्मिक मान्यता
अगम कुएं का अपना धार्मिक महत्व भी है. कुएं के पास मां शीतला का मंदिर स्थापित है. धार्मिक मान्यता के अनुसार कुएं की पूजा के बाद ही मां शीतला की पूजा की जाती है. यहां रोजाना कई भक्त मां शीतला के दर्शन के लिए आते हैं. इस कुएं में भक्तों द्वारा चढ़ावा भी चढ़ाया जाता है और कहा जाता है कि इस कुएं के पानी से शरीर के कई वीकार दूर हो जाते है. 

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साथ ही, इस पवित्र पानी से स्नान के बाद संतान की प्राप्ति भी होती है. इधर, शीतला माता की पूजा के लिए इस कुएं के पानी का प्रयोग किया जाता है. इस कुएं के बारे में यह भी कहा जाता है कि चांद नाम के राजा ने इस कुएं में सुदर्शन नाम के एक जैन मॉन्क को फिंकवा दिया था और बाद में वह कमल पर बैठे तैरते नजर आए थे अब इस कुएं को शादी या कई धार्मिक कामों के लिए शुभ माना जाता है.

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