बिहार की इन 6 पंचायतों का पूरी दुनिया से कट गया संपर्क, बढ़ता ही जा रहा है खतरा
Bihar Flood:बिहार की राजधानी पटना और आसपास के इलाकों में बाढ़ से हालात बिगड़ने लगे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया. कई इलाके अब टापू में बदल गए हैं और उनका जमीनी संपर्क बाकी लोगों से टूट गया है.
पटना और उससे सटे इलाकों में बाढ़ से हालात विकराल हो गए हैं और कई गांव पानी में डूब गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया. पटना सहित आसपास के कई जिलों में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है. पटना के दानापुर, मनेर, बिंद टोला, फतुहा और बख्तियारपुर जैसे इलाके बहुत ज्यादा परेशानी में हैं. इन जगहों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है. बताया जा रहा है कि मनेर की 6 पंचायतें छिहत्तर, महावीर टोला, इस्लामगंज, हाथी टोला, हल्दी छपरा और रतन टोला टापू बन गई हैं और बाकी दुनिया से इनका संपर्क टूट गया है. साथ ही गुलाबी घाट, कटैया घाट और त्रिवेणी संगम जलमग्न हो गए हैं, जिससे जनजीवन और भी बाधित हो गया है.
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बिंद टोला जैसे इलाकों के निवासियों को भी बढ़ते जलस्तर और घरों में 4 से 5 फीट पानी भरने के कारण गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. बिंद टोला के निवासी शिव चंद्र कुमार ने कहा, बाढ़ में हमारे घरों में घुसने वाली बाढ़ में आवश्यक खाद्य सामग्री नष्ट हो गई है. हमने अपने घर छोड़ दिए हैं और मरीन ड्राइव पर शरण ली है. निराशाजनक स्थिति के बावजूद, जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया अपर्याप्त रही है. उन्होंने टेंट या पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं कराया है. हम मवेशियों को खिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
एक अन्य निवासी सविता देवी ने बताया कि अधिकारियों ने गुरुवार रात को केवल एक किलोग्राम खाद्यान्न बांटे. जल स्तर में वृद्धि मुख्य रूप से गंगा नदी और उसकी सहायक सोन नदी के उफान के साथ-साथ पिछले कुछ दिनों से बिहार और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में भारी बारिश के कारण हुई है. दीघा घाट पर जलस्तर 51.64 मीटर था, जो खतरे के निशान से 1.19 मीटर ऊपर था.
गांधी घाट पर जलस्तर 50.19 मीटर पर था, जो खतरे के निशान से 1.59 मीटर ऊपर था. पटना जिले के हाथीदह में जलस्तर 43.15 मीटर था, जो खतरे के निशान से 1.39 मीटर ऊपर था. भागलपुर में गंगा नदी 33.88 मीटर पर बह रही थी, जो खतरे के स्तर से 20 सेमी ऊपर थी. इसी तरह कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से 61 सेमी ऊपर बह रही थी.
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बाढ़ की स्थिति बिगड़ने पर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा, जल संसाधन विभाग, जिलाधिकारियों और आपदा प्रबंधन टीमों के साथ तटबंधों को सुरक्षित करने और बाढ़ पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है. वे हाई अलर्ट पर हैं. बिहार सरकार ने उन्हें स्थिति पर बारीकी से नजर रखने को कहा है. भोजपुर के चार प्रखंड, खगड़िया के दो प्रखंड, भागलपुर, मुंगेर, नालंदा और अन्य जिले भी बाढ़ से प्रभावित हैं.
INPUT: IANS