पटनाः कई दिनों से पहाड़ो पर हो रही लगातार मुसलाधार बारिश ने मैदानी इलाको में नदियों ने उफान मचा दिया है. गंगा और यमुना में लगातार जल स्तर बढ़ने से बिहार के भोजपुर में गंगा नदी खतरे के निशान से महज कुछ सेंटीमीटर नीचे बह रही है. गंगा नदी का पानी तेजी से गांव में प्रवेश करने लगा है. जिससे गांव के लोग दहशत में जी रहे है. 


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जलस्तर में काफी तेजी से वृद्धि 
नदी का पानी अब भोजपुर जिले के बड़हरा और शाहपुर के निचले इलाको में फैलना शुरू हो गया है. साथ ही शाहपुर और बड़हरा प्रखंड के कुछ गांवों में कटाव भी जारी है. सैकड़ों एकड़ खेतो में गंगा का बढ़ते जलस्तर का बाढ़ का पानी फैल चुका है और फसल के साथ-साथ ग्रामीणों को भी बेघर होने का डर सता रहा है. वैसे ग्रामीण परेशानी में पलायन करने को मजबूर है. पिछले 48 घंटे से गंगा और सोन के तटवर्ती जलस्तर में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है. जिले के बड़हरा और शाहपुर प्रखंड सहित गंगा नदी से सटे गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. आज भी गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद बाढ़ का पानी तटवर्ती इलाके के खेतों में फैलने लगा है. इससे किसानों को फसल नष्ट होने का डर सता रहा है. रविवार की सुबह गंगा नदी का जल स्तर 52.55 मीटर पहुंच गया जो कि खतरे के निशान से महज 0.53 मीटर नीचे बह रही है. 


फसलों में घुसा पानी 
वहीं शनिवार को गंगा नदी का जलस्तर 52.15 मीटर था. शुक्रवार को यह जलस्तर 51.58 मीटर था. पिछले 24 घंटे में 48 सेंटीमीटर की वृद्धि के बाद गंगा नदी अपने खतरे के निशान 53.08 मीटर से महज 0.53 मीटर नीचे बह रही है. शाम तक इसमें और वृद्धि हुई है. गंगा नदी के जलस्तर में इसी तरह वृद्धि जारी रही तो सोमवार तक गंगा नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर बहने लगेगी और दर्जनों गांव में गंगा के बाढ़ का पानी फैल जाएगा. बाढ़ का पानी महुली, ख्वासपुर, सिन्हा, नेकनाम टोला समेत अन्य गांवों के निचले इलाकों में फैलने लगा है. वहीं कोईलवर-बक्सर तटबंध पर नेकनाम टोला के पास स्लुइस गेट नहीं लगने के कारण इसका पानी इस गांव के साथ लोहार फरना, पैगा, हाजीपुर आदि गांवों के बधार में स्थित खेतों में तेजी से फैलने लगा है. इस कारण किसानों के खेतों में लगी फसल में पानी घुस गया है.


पलायन करने को ग्रामीण मजबूर
स्थानीय ग्रामीण रमेश कुमार ने बताया कि गंगा का जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. हम लोग गंगा नदी के उत्तरी छोर से दक्षिणी छोर की तरफ आए हुए हैं. उधर दियारा इलाके से खेत खलिहान घर को छोड़ पशुओं और खुद को इस तरह लेकर पहुंचे हैं. स्थानीय महिला बुजुर्ग तेतरी कुंवर ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि गंगा के दूसरी ओर दियारा इलाके में 3 बीघा के खेत में सब्जी की बुआई की थी. सभी फसल गंगा नदी के बाढ़ के पानी में बह गई. गंगा नदी का पानी लगातार बढ़ रहा है. हम लोग गांव छोड़कर इस तरह आ गए हैं. वहीं बाढ़ पीड़ित गांवों के लोग बाढ़ से बचने की तैयारी में जुट गये हैं. गंगा नदी के सटे गांवों के ग्रामीण अपने-अपने घर में ईंधन के साथ सूखा भोजन, अन्न समेत जरूरी सामान जुटाना शुरू कर दिए हैं.


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