Bihar Flood: नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बिहार में प्रमुख नदियां उफान पर हैं. इससे कई जिलों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. राजधानी पटना में भी गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. गंगा अब खतरे के निशान से सिर्फ दो मीटर नीचे बह रही है. इससे पटना के सभी घाटों पर पानी बढ़ गया है. कई जगहों पर गंगा खतरे के निशान से 2 से 4 मीटर नीचे बह रही है. पटना के गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर 47 मीटर है, जो खतरे के निशान से लगभग 2 मीटर नीचे है. पटना के दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर 47.49 मीटर है और इसमें लगातर बढ़ोतरी हो रही है. निचले इलाके में रहने वाले लोग गंगा के बढ़ते जल स्तर से घबरा रहे हैं. लोगों का मानना है कि लगातार जल स्तर में वृद्धि होने पर जल्द ही खतरे के निशान को पार कर जाएगा.


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उधर घाघरा, गंडक, बागमती, कोसी, कमलाबलान, महानन्दा और अधवारा जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और भागलपुर जिलों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. कई गांव पानी में डूब गए हैं और लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं.


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उत्तर बिहार के कई जिलों में निचले इलाके के सैकड़ो घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. हजारों की आबादी का संपर्क प्रखंड और जिला मुख्यालय से कट गया है और बाढ़ के खतरे को देखते हुए हजारों की आबादी पलायन करने को मजबूर है. बाढ़ आने की वजह से सभी जिलों में हजारों एकड़ में लगी खरीफ फसल और सब्जी की खेती तबाह हो गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि नदी के दोनों ओर स्थित तटबंध पर भारी दबाव है. जिन इलाकों में तटबंध रेनकट या अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त हैं वहां लोगों में दहशत की स्थिति बनी हुई है.