Patna: गुरुवार को कोरोना मामले में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से हलफनामा दायर किया गया. साथ ही, कोर्ट को बताया कि कोरोना के तीसरी लहर से निपटने में ऑक्सीजन उत्पादन व आपूर्ति में बिहार आत्मनिर्भर राज्य बन रहा है. 


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बिहार सरकार ने लगाए 10 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट
कोरोना से निपटने के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए बिहार सरकार 10 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगा रही है. जो बिहार के 10 मेडिकल कॉलेज और अस्पताल आईजीआईएमएस (IGIMS) पटना में लगाए जा रहे है.


ढ़ाई हजार से तीन हजार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन वाले प्लांट
स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि सूबे के 9 सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल सहित आईजीआईएमएस (IGIMS) पटना में औसतन ढ़ाई हजार से तीन हज़ार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले प्लांट स्थापित हो रहे हैं. 


प्लांट के साथ ऑक्सीजन टैंक 
वर्तमान में उक्त दसों चिकित्सा संस्थानों में 280 से 300 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन शुरू हो चुका है. इन सभी अस्पतालों में प्लांट के साथ ऑक्सीजन टैंक भी स्थापित हो रहे हैं.


सरकार के ऑक्सीजन प्रोमोशन नीति से लाभ
यहां के प्लांट सितंबर के अंत तक ऑक्सीजन उत्पादन पूरी क्षमता से शुरू हो जाएगे. राज्य सरकार ने 4 मई से ही ऑक्सीजन प्रोमोशन नीति को लागू किया है. इसका लाभ राज्य के तमाम प्राइवेट अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट बैठाने में मिलेगा. सरकार की तरफ से सभी निजी अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया गया है कि अपने अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट बैठाएं और स्टेट ऑक्सीजन प्रोमोशन पॉलिसी का लाभ लें. 


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ऑक्सीजन कसेंट्रेटर व सिलेंडर की संख्या बढ़ेगी
सरकारी अस्पताल मे 4,387 ऑक्सीजन कसेंट्रेटर के साथ 7,194 डी टाइप और 17,594 बी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराए गए हैं. साथ ही, आने वाले समय मे इनकी संख्या बढ़ती ही जाएगी. इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार 7 जून को होगी.