Bihar Hooch Tragedy: मोतिहारी में जहरीली शराब से 31 लोगों ने तोड़ा दम, बीजेपी ने सामूहिक हत्या दिया करार
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है. वहीं, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह घटना नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा `सामूहिक हत्या` है.
Patna: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है. वहीं, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह घटना नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 'सामूहिक हत्या' है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने राज्य प्रशासन पर सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से जुड़े शराब माफियाओं की रक्षा करने का आरोप लगाया.
बीजेपी ने उठाई जांच की मांग
पूर्व प्रदेश भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल ने कहा कि पार्टी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और ऐसी अन्य केंद्रीय संस्थाओं से संपर्क करेगी ताकि जहरीली शराब त्रासदी की जांच की जा सके.
जिला पुलिस की ओर से रविवार को जारी एक बयान के अनुसार पूर्वी चंपारण जिले में अब तक 22 लोगों की संदिग्ध अवैध शराब के सेवन से मौत हो चुकी है और कम से कम 29 अन्य लोग सदर अस्पताल और जिले के विभिन्न अस्पतालों में अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. चार मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है. जिला पुलिस ने अब तक पांच मामले दर्ज किए हैं और मामले में आगे की जांच की जा रही है.
इस मामले को लेकर दो पुलिस अधिकारी एवं नौ चौकीदारों को निलंबित कर दिया गया है और शराब के अवैध कारोबार में शामिल 60 लोगों सहित कुल 80 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. निलंबित किए गए 11 पुलिसकर्मियों में आरक्षी निरीक्षक शिवाजी सिंह एवं सदर अनुमंडलीय सहायक आरक्षी निरीक्षक उमेश पाठक तथा हरसिद्धि, पहाड़पुर, सुगौली, तुरकौलिया एवं रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के कुल नौ चौकीदार शामिल हैं. शिवाजी सिंह और उमेश पाठक शराब रोधी कार्य बल (एएलटीएफ) के प्रभारी के रूप में तैनात थे.
पुलिस की कार्रवाई जारी
पुलिस ने पिछले 24 घंटे के दौरान जिला मुख्यालय मोतिहारी के विभिन्न हिस्सों में 600 से अधिक स्थानों पर तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकली शराब और अन्य संबंधित रसायनों को भी जब्त किया है, जिसमें 370 लीटर देसी शराब और 50 लीटर कच्चा स्प्रीट बरामद किया गया है तथा 1150 लीटर अर्धनिर्मित शराब नष्ट किया गया है. इस बीच, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार पर राज्य में 'शराब माफिया' को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए प्रदेश भाजपा ने इस घटना को राज्य सरकार द्वारा सामूहिक हत्या करार दिया. पार्टी ने यह भी कहा कि वह जल्द एनएचआरसी और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से इस घटना की पूरी जांच के लिए संपर्क करेगी.
(इनपुट भाषा के साथ)