पटना: देश में इन दिनों कई राज्य में और नए जिले बनाने की मांग की जा रही है. नए जिला की मांग करने वाले लिस्ट में बिहार का भी नाम शामिल है. बिहार में बीते कई वर्षों से नए जिले की मांग हो रही है. वहीं सीएम नीतीश के द्वारा बगहा को प्रशासनिक जिला बनाने का आश्वासन मिलने के बाद इस मांग ने और जोर पकड़ ली है.  ऐसे में अब आप सोच रहे होंगे कि कोई सरकार कैसे नए जिलों का निर्माण करती है? इस दौरान उसे किस प्रक्रिया का पालन करती है? ऐसे में आपको मन में उठ सारे सवालों का जवाब हम देने जा रहे हैं.


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भारत के किसी भी राज्य में नया जिला बनाने की पूरी प्रक्रिया होती है. नए जिले के निर्माण के लिए पहले एक रूपरेखा तैयार की जाती है. इसके बाद कई प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद उस प्रस्ताव को जमीनी हकीकत में बदला जाता है. नया जिला बनाने के लिए सबसे पहले एक प्रस्ताव बनाया जाता है. इस प्रस्ताव को स्थानीय प्रशासन, निर्वाचित प्रतिनिधियों या अन्य संगठनों के द्वारा बनाया जाता है, जिसके बाद इस प्रस्ताव को राज्य सरकार के पास भेजा जाता है. राज्य सरकार इस प्रस्ताव में देखती है कि नए जिले की आवश्यकता है या नहीं. इस चरण में क्षेत्र की जनसंख्या घनत्व, प्रशासनिक सुविधा, भौगोलिक क्षेत्र और संसाधनों की उपलब्धता के अलावा वहां के सामाजिक विश्लेषण  जैसे कारकों पर भी गंभीरता से विचार किया जाता है.


राज्य सरकार को अगर प्रस्ताव सही लगता है तो इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों आदि से इस मुद्दे पर बातचीत करती है. इस दौरान सभी विषयों और पहलुओं पर जब सहमति बन जाती है तब राज्य सरकार नया जिला बनाने का निर्णय लेती है. इसके लिए आधिकारिक राजपत्र में एक अधिसूचना भी जारी किया जाता है. जिसमें नए जिले के निर्माण की घोषणा के साथ साथ जिले की सीमाओं को भी बताया जाता है. राज्य सरकार ही जिले की सीमा निर्धारित करती है. इसके बाद राज्यपाल नकी तरफ से ए जिले की स्वीकृति मिलने के बाद वह आधिकारिक जिला बन जाता है.


जिला घोषित होने के बाद सरकार द्वारा सबसे पहले यहां डीएम और एसपी की तैनाती की जाती है. वहीं आने वाले समय में अन्य अधिकारीयों की नियुक्ति भी धीरे-धीरे होते रहती है. नया जिला बनाने के बाद सरकार प्रशासनिक कार्यालय, पुलिस स्टेशन, अस्पताल, स्कूल और अन्य आवश्यक सेवाएं और जन सुविधाएं को उस जिले में स्थापित करती है. इसके साथ ही नए और पुराने जिले के बीच संपत्ति और संसाधन का बंटवारा भी किया जाता है.


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