गोपालगंज:Bihar News: बिहार के एक छोटे से जिले गोपालगंज की गांवों की गलियों से निकलकर हिंदी सिनेमा के पर्दे पर छा जानेवाले अभिनेता पंकज त्रिपाठी इन दिनों पितृशोक में हैं. पंकज त्रिपाठी के पिता पं बनारस तिवारी का निधन 21 अगस्त को हो गया. आज पंकज त्रिपाठी उनकी अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने बनारस पहुंचे थे. बता दें कि कल पंकज त्रिपाठी के लिए एक खुशी की खबर भी आई थी जिसके बाद शोक में डूबा उनका पूरा गांव खुशी से झूम उठा था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


गुरुवार को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार की घोषणा हुई. एक बार फिर से फिल्म मिमी में बेहतरीन अभिनय के लिए पंकज त्रिपाठी को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर मेल का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. बता दें कि इस खुशी की खबर से शोकाकुल पंकज त्रिपाठी उनके परिवार के लोग और ग्रामीण भी बेहद खुश नजर आए. पंकज त्रिपाठी ने इस पुरस्कार को लेकर खुशी भी जाहिर की थी. 


ये भी पढ़ें- Astro News: क्यों करना चाहिए दाहिने हाथ से ही भोजन? जानें इसका ज्योतिष में महत्व


वहीं पंकज त्रिपाठी अपने पिता की अस्थियों को लेकर शुक्रवार को बनारस पहुंचे. जहां उन्होंने गंगा नदी में अपने पिता पं बनारस तिवारी के अस्थियों को विसर्जित किया. 


ये भी पढ़ें- Blue Moon: ब्लू मून के बारे में जानते हैं आप? 30 अगस्त को नजर आएगा यह अद्भुत नजारा


पंकज के पिता पं बनारस तिवारी का 98 बर्ष की उम्र में बीते 21 अगस्त को उनके पैतृक गांव गोपालगंज के बेलसंड में निधन हो गया था. जिसकी सूचना मिलते ही पंकज अपने गांव बेलसंड पहुंचे. जहां उन्होंने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया. गांव प्रवास के दौरान ही पंकज को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर मेल के लिए घोषणा हुई. इसके बाद से एक बार उनके परिवार में फिर से खुशियां आई हैं. पंकज त्रिपाठी ने इस पुरस्कार को अपने पिता के नाम समर्पित किया है. 
Madesh Tiwari