Siwan: बिहार में इस बार किसानों की स्थिति काफी चिंताजनक बनी हुई है. किसान अभी तक राज्य में अच्छी बारिश के इंतजार में थे. बिहार में लगातार मौसम का मिजाज बदल रहा है. इस बार राज्य में अच्छी बारिश नहीं होने के कारण किसानों का समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन उसके साथ ही किसानों को खेती के लिए मिलने वाले यूरिया की किल्लत झेलनी पड़ रही है. किसानों को पूर्ण मात्रा में उर्वरक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा. जहां एक ओर सरकार किसानों को लेकर संवेदनशील है, हर साल किसानों को लेकर कई प्रकार की योजनाएं बनाकर उन्हें लाभ पहुंचाने का काम किया जाता है. लेकिन दूसरी ओर कृषि विभाग के अधिकारी योजनाओं में अपने लिए ऊपरी कमाई की जगह तलाश रहे हैं. 


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बैठक की नहीं दी गई जानकारी
दरअसल, यह मामला सिवान जिले के सिसवन प्रखंड क्षेत्र का है. यहां पर किसानों को यूरिया पूर्ण मात्रा में उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. यूरिया की किल्लत को देखते हुए सरकार के निर्देशानुसार उर्वरक निगरानी समिति की बैठक कर इसकी जानकारी किसानों तक पहुंचाने को कहा गया था. लेकिन उर्वरक निगरानी समिति की बैठक की जानकारी किसी भी किसान को नहीं दी गई. जिसके कारण आयोजित की गई बैठक में कोई भी वहां मौजूद नहीं था. इन्हीं कारणों के चलते उस बैठक को स्थागित करना पड़ा. 


इस बैठक के बारे में किसी भी किसान को जानकारी नहीं दी गई. इससे पहले भी इस प्रकार के कार्यक्रमों के बारे में किसानों को सूचित नहीं किया गया है. हालांकि इससे पहले किसानों द्वारा एक बार हंगामा किया जा चुका है. उसके बाद भी कृषि विभाग के अधिकारियों में किसी प्रकार का बदलाव देखने को नहीं मिला है. वहीं, भाजपा मंडल अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने कृषि अधिकारी और कृषि समन्वयक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा इन दोनों का काम केवल अवैध वसूली करना है. इसके अलाव इन लोगों को किसानों से किसी भी प्रकार का कोई मतलब नहीं है. 


किसानों ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं, बिघौन, गयासपुर सिसवन सहित कई पंचायतों के किसानों ने कृषि समन्वयक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. किसानों का कहना है कि कृषि समन्वयक कभी भी किसानों के पास नहीं जाते हैं और ना ही उनके सवालों के जवाब देते हैं, और न ही किसानों की समस्याओं के हल बताते हैं. 


किसानों की समस्याएं लगातार बढ़ रही
बता दें, कि बिहार के किसान पिछले काफी समय से मानसून की मार झेल रहे हैं. जिसके कारण किसानों को अपनी धान की खेती बर्बाद होने का डर सता रहा है. खेतों में धान के बिचड़े सूख रहे हैं. वहीं दूसरी ओर किसानों को सरकार की ओर से मिलने वाली उर्वरक की भी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण किसानों की समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं. वहीं, कृषि विभाग की ओर से कोई भी मदद उपलब्ध नहीं कराई जा रही है.


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